Jabalpur. देश की सर्वोच्च अदालत ने नरसिंहपुर की बर्खास्त एडीजे लीना दीक्षित को राहत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस धूलिया , जस्टिस एस आर भट्ट और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व आदेश को सही करार देते हुए लीना की याचिका को निरस्त कर दिया।
दहेज हत्या के मामले में दी थी मामूली सजा
बर्खास्त एडीजे लीना दीक्षित पर दहेज हत्या के आरोपित पति को मात्र 5 साल सजा देने के आरोप लगे थे। मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रशासनिक समिति ने प्रकरण को हाईकोर्ट भेज दिया था। जिसके बाद फुलकोर्ट में मामला रखकर समीक्षा की गई थी। जिसमें एडीजे द्वारा मनमाना आदेश पारित किया था। जो मामला पति द्वारा पत्नी को दहेज लोभ के चलते जिंदा जलाने से संबंधित था।
हत्या की धारा के तहत दोषी ठहराया, पर सजा में दिखाई नरमी
एडीजे लीना दीक्षित ने पहले आरोपी पति को हत्या की धारा के तहत दोषी करार दिया था। लेकिन दंड देने के मामले में नरमी बरती और 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके चलते मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने फुलकोर्ट मीटिंग में एडीजे दीक्षित की बर्खास्तगी का आदेश पारित कर दिया था।