MP: पूर्व आईएएस ने बुधनी के मेडिकल की कॉलेज पर उठाए सवाल, दतिया का दिया उदारण

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MP: पूर्व आईएएस ने बुधनी के मेडिकल की कॉलेज पर उठाए सवाल, दतिया का दिया उदारण

हाल ही में मप्र सरकार की कैबिनेट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Shivraj Singh Chouhan) की विधानसभा क्षेत्र बुदनी(Budhni) और उज्जैन(Ujjain) में मेडिकल कॉलेज(Medical College) खोले जाने की मंजूरी दी है.. लेकिन बुदनी में मेडिकल कॉलेज(Medical College) खोले जाने को लेकर रिटायर्ड आईएएस राजेश बहुगुणा (Retired IAS Rajesh Bahuguna) ने आपत्ति दर्ज करवाई है.. बहुगुणा ने इसे लेकर फेसबुक पोस्ट(facebook post) किया है और कई सवाल उठाए हैं.. हर मंगलवार को शिवराज सरकार की कैबिनेट बैठक होती है। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जाते हैं.. 28 जून को हुई कैबिनेट बैठक ने  सीहोर जिले की तहसील बुदनी और उज्जैन में मेडिकल कॉलेज  खोले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.. कैबिनेट ने प्रस्ताव पर मंजूरी तो लगाई लेकिन सरकार के इस फैसले पर मप्र कैडर के रिटायर्ड आईएएस अफसर राजेश बहुगुणा सवाल खड़े कर दिए हैं और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। बहुगुणा ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट किया.. इसमें लिखा कि  जिलों में मेडिकल कॉलेज की सुविधा दे पाने में नाकाम सरकार बुधनी और अन्य छोटे स्थानों पर मेडिकल कॉलेज खोल रही है... ये सवाल उठाते हुए उन्होंने नेताओं और ब्यूरोक्रेसी को भी सवालों के घेरे में  लिया और उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े किए  लिखा कि 
कोई यह प्रश्न उठाएगा कि जब कटनी, बुरहानपुर  नीमच देवास जैसे बड़े शहरों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं और धार, बालाघाट, शाजापुर, बड़वानी, खरगोन, बैतूल होशंगाबाद, मंदसौर, टीकमगढ़, सीधी जैसे जिला मुख्यालयों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं तो बुदनी जो कि तहसील मुख्यालय है, वहां मेडिकल कॉलेज क्यों खोला जा रहा है ? बहुगुणा ने लिखा कि जनता और जनप्रतिनिधि सोए हुए हैं या वंदना में लीन हैं। नौकरशाह तो क्या कहें? उन्होंने क्या और क्यों अनुशंसा की है। क्या पहले प्राथमिकता में सभी जिला मुख्यालयों में मेडिकल कॉलेज नहीं खोले जाने चाहिए थे? क्या बुधनी की जगह सीहोर या आष्टा मेडिकल कॉलेज के लिए उपयुक्त जगह नहीं हैं। उन्होंने लिखा कि  झांसी से 25 किलोमीटर और ग्वालियर से 70 किमी दूर छोटे से जिला मुख्यालय दतिया में आज से 6 वर्ष पूर्व खुले मेडिकल कालेज का हाल पता कर लें, कौव्वे बोलते हैं। सभी बीमार झांसी या ग्वालियर जाते हैं। बुधनी का भी यही हाल होना है।