REWA. नगर निगम के चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों के विरुद्ध खड़े होने वालों पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आखिरकार बड़ा कदम उठाया है। शनिवार को 10 बागियों को अनुशासनहीनता के चलते 6 साल के लिए कांग्रेस से बाहर कर दिया गया। इनमें प्रदेश उपाध्यक्ष उपभोक्ता कांग्रेस और शहर अध्यक्ष अल्पसंख्यक दो बड़े ओहदेदार भी हैं रीवा में इस हफ्ते यह दूसरी कार्यवाही है। इसके दो दिन पहले पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और शहर प्रवक्ता निकाले गए थे।
नगर पालिक निगम रीवा के मेयर और अधिसंख्य पार्षदों की जीत को लेकर कमर कस चुकी कांग्रेस पार्टी इस मर्तबा चुनावी समर में किसी प्रकार का जोखिम नेताओं और पदाधिकारियों के स्तर पर नहीं लेना चाहती। उक्त कदम के पीछे शायद कांग्रेसियों तक यह संदेश देना है कि नेता, पदाधिकारी कोई कितना भी बड़ा और अहम क्यों न हो उनकी गलतियां बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इन्हें निकाला कांग्रेस ने
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रहे इंजी. बृजेश पाण्डेय के बाद पीसीसी ने रीवा में शनिवार को दूसरी बड़ी कार्यवाही की। पार्टी की गाइड लाइन और प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत करने वाले 10 नेताओं को एक साथ 6 साल के लिये निष्कासित कर दिया गया। निष्कासित किये गये नेताओं में उपभोक्ता कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार सर्राफ, अल्पसंख्यक कांग्रेस के शहर अध्यक्ष माजिद खान, मण्डलम प्रभारी गुल मोहम्मद के अलावा सुलभ पांडेय, ओम प्रकाश मिश्रा, रोहणी कुशवाहा, श्याम बाबू लोनिया, लक्ष्मण यादव, अशोक कटारिया एवं महफूज खान शामिल है. ये सभी नेता कांग्रेस पार्षद प्रत्याशियों के विरूद्ध अपने वार्ड में बगावत कर चुनाव लड़ रहे है।
अब भितरघातियों की बारी?
विधानसभा चुनाव में गुटबाजी और भितरघात से मिली करारी हार और 15 महीने में सरकार गिरने की वजह बने विन्ध्य को लेकर पीसीसी प्रमुख कमलनाथ इस बार ज्यादा सतर्कता और दिलचस्पी ले रहे हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो पीसीसी चीफ ने तय किया है कि नेताओं आपसी मतभेद, गुटबाजी और भितरघात पर सख्त एक्शन लिया जायेगा। एक हफ्ते में रीवा में दो बड़ी कार्यवाही इसका संकेत है। बताया जाता है कि रीवा नगर निगम चुनाव को लेकर कमलनाथ और कांग्रेस संगठन गंभीर है। वे लगातार पार्टी के स्थानीय नेताओं, संगठन में बैठे पदाधिकारियों की गतिविधियों का फीडबैक ले रहे हैं। लिहाजा नगर निगम चुनाव में मेयर और पार्षदों की जीत में किसी भी तरह की कोताही या भितरघात करने वालों पर कार्यवाही का अंदेशा बढ़ गया है।