श्याम मोहन दंडोतिया, MORENA . जिले के औद्योगिक क्षेत्र बानमोर थाना क्षेत्र में जैतपुर रोड स्थित एक मकान में हुए जबरदस्त विस्फोट हुआ जिससे ना केवल वह मकान धराशाई हो गया बल्कि आसपास के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए । इस मकान के मलबे में आधा दर्जन लोग तो मलबे में दबकर घायल हो गए तो वही तीन लोगों की मौत की पुष्टि की जा रही है हालांकि मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है ।
सुबह हुई घटना
बताया जा रहा है कि दीपावली के त्यौहार को देखते हुए जैतपुर रोड स्थित निर्मल कुमार जैन के मकान में अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालित हो रही थी जिसमें काम करते समय एक दर्जन के आसपास मजदूर मौजूद थे जो विस्फोट होने के साथ ही मलबे में दब गए जिसमें 1 बच्चे सहित 3 लोगों के मरने की बात सामने आई है वही एक आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हैं और अभी एक दो लोगों के मलबे में दबे होने की भी आशंका है ।
हर वर्ष होते है विस्फोट
मुरैना जिले में गत कुछ वर्षों से अवैध फैक्ट्रियों संचालित होने की प्रमाण सामने आते रहे हैं क्योंकि हर वर्ष दीपावली से पूर्व कहीं ना कहीं अवैध पटाखा फैक्ट्री मैं पटाखा निर्माण के दौरान विस्फोट होता है और जिसमें कई लोगों की जान जाती है बावजूद इसके प्रशासन इस पर गंभीरता से कोई कार्यवाही नहीं करता और ना ही अवैध कारोबार करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए कोई मुहिम चलाई जाती है । खास बात तो यह है कि जब भी घटना घटित होती है तब प्रशासन अपनी गलतियां और गैर जिम्मेदार अपन छिपाने के लिए इन अवैध पटाखा फैक्ट्री को अवैध गोदाम करार देता है ।
पुलिस मकान में बता रही है पटाखा गोदाम
बामोर थाना क्षेत्र के जैतपुर रोड स्थित निर्मल कुमार जैन के मकान में पटाखा बनाने की अवैध फैक्ट्री संचालित थी जिसमें 1 दर्जन से अधिक लोग काम कर रहे थे जो दुर्घटना के शिकार हो गए और तीन की मौत हो गई जबकि आधा दर्जन से अधिक लोग अभी भी जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं । पुलिस और प्रशासन के अधिकारी इस अवैध पटाखा फैक्ट्री पर उनकी कोई जवाबदारी तय ना हो इसलिए निर्मल कुमार जैन के मकान में पटाखा गोदाम होना बताया जा रहा है । जबकि स्थानीय लोगों की बात माने तो वह यहां अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालित होने की बात कह रहे हैं और यह मकान में मजदूरों की संख्या यह बताती है कि यह गोदाम में होकर पटाखा फैक्ट्री ही है ।
क्या गोदाम की अनुमति प्रशासन ने दी थी
जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा इस बड़ी घटना पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के बजाए पर्दा डालने की कार्यवाही की जा रही है और अवैध पटाखा फैक्ट्री को गोदाम बताया जा रहा है । एक पल के लिए यह मान भी लिया जाए कि है पटाखे का गोदाम था तो क्या इस गोदाम को प्रशासन की अनुमति थी क्या इस गोदाम की अनुमति जारी करने से पूर्व गोदाम के नियम व शर्तों का पालन किया गया। क्या रिया इसी इलाके में पटाखा जैसे गंभीर विस्फोटकों के गोदाम बनाने की अनुमति दी जाती है और अगर नहीं तो फिर प्रशासन यह किस आधार पर कह रहा है कि यह फैक्ट्री नहीं गोदाम है ।
पुलिस अधीक्षक पहुंचे मौके पर
विस्फोट की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो जिला मुख्यालय से पुलिस अधीक्षक भी घटनास्थल पर पहुंच गए और रेस्क्यू कार्य को अपने मार्गदर्शन में पूरा कराने का काम कर रहे हैं। साथ ही घटना से जुड़े तथ्यों की बारीकी से जांच हो इसके निर्देश भी थाना प्रभारी और एसडीओपी बामोर को दिए गए हैं।
मकान मालिक निर्मल जैन नहीं पहुंचा मौके पर
जिस मकान में अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालित थी उस मकान के मालिक निर्मल कुमार जैन अभी तक पुलिस और प्रशासन के सामने नहीं पहुंचे हैं जिससे यह स्पष्ट नहीं है कि मकान में गोदाम बनाने का लाइसेंस लिया था अथवा नहीं या फैक्ट्री संचालित हो रही थी तो वह स्वयं मकान मालिक की थी अथवा किसी को किराए पर दी गई थी इन सारे तथ्यों की जानकारी अभी सामने आना बाकी है ।