इंदौर. एक 'गे' (होमोसेक्सुअल) की खुदकुशी के मामले में पुलिस ने 89 दिन बार एफआईआर दर्ज की है। प्रेमी से प्यार में धोखा खाने और प्रताड़ना से परेशान होकर एक 'गे' हिमांशु शर्मा ने 31 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी। एफआईआर दर्ज करने में इतनी देर करने पर पुलिस का कहना है कि मृतक के सुसाइड नोट की पूरी तरह से जांच करने के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई है।
सुसाइड नोट में क्या लिखा था: मृतक हिमांशु शर्मा ने दो पेज के सुसाइड नोट में अपनी दर्द भरी दास्तां बयां की थी। उसने उसके प्रेमी अमन मंसूरी पर धोखा देने का आरोप लगाया। हिमांशु ने लिखा कि उसकी खुदकुशी के पीछे अमन मंसूरी का हाथ है। उसने इतना बुरा किया जितना किसी के जीवन में नहीं हुआ। वो मजबूरी बताकर मेरे साथ 3 साल तक रहा। मेरा शारीरिक शोषण भी किया। जब उसका मन भर गया तो उसने कहा कि अब उसे लड़की चाहिए। हिमांशु ने लिखा कि अमन उसे 2 महीने से टॉर्चर कर रहा था। हिमांशु और अमन की हाथापाई भी हुई थी, जिसमें हिमांशु को अमन ने बहुत मारा था। अमन मंसूरी ने मुझसे जबरन शादी की। तब उसने मुझे भरोसा दिलाया था। लेकिन एक लड़की के चक्कर में उसने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी।
3 साल तक लिव इन में रहे हिमांशु और अमन: राजेंद्र नगर थाने के टीआई मनीष डाबर ने बताया कि अमन और हिमांशु दोस्त थे। इसके बाद तीन साल तक लिव इन रिलेशनशिप में रहे। इसी बीच अमन की एक लड़की से फ्रेंडशिप हुई और उसने हिमांशु को छोड़ने का फैसला किया। इस बात को लेकर दोनों के बीच मारपीट हुई और दुखी होकर हिमांशु ने खुदकुशी कर ली।
सुसाइड नोट की जांच के बाद FIR: पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि हिमांशु शर्मा के सुसाइड नोट की पूरी तरह से जांच करने के बाद ही FIR दर्ज की गई है। सुसाइड नोट की बरीकी से पड़ताल करने में पुलिस को इतना समय लगा। बिजलपुर के रहवासी अमन मंसूरी पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है। हालांकि पुलिस अब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।