योगेश राठौर, INDORE. इंदौर में फर्जी एसडीएम के बाद अब फर्जी जज का भी खुलासा हुआ है। यह जज खुद और अपने दोस्तों को भी पद का फर्जी रूआब बताते हुए महाकाल के वीवीआईपी दर्शन कराता था। यहां तक के अधिकारी भी झांसे में आकर इसे स्पेशल पार्टी देते थे। होटल व पब जाने का खूब शौक था, वहां पद के कारण लोग इससे बिल भी नहीं लेते थे। इंदौर क्राइम ब्रांच ने खुद को जज बताकर देवास के एक मामले में सेटलमेंट के नाम पर पैसे ऐंठने वाले राजीव कुमार लाहोटी को पकड़ा है। पुलिस की कार्रवाई के पहले पड़ोसी भी उसे जज ही समझते थे। घर में उसने रिटायर जज की फोटो लगा रखी है। उन्हें वह अपना रिश्तेदार बताता है। उसे होटल व पब में जाने का शौक है। वहां संचालकों को भी जज को रौब दिखाकर वह वीआईपी ट्रीटमेंट हासिल करता रहा। कुछ दिन पहले मुंबई के बिजनेसमैन दोस्त को उज्जैन दर्शन के लिए बुलवाया। उज्जैन में एक पुलिस अफसर को फोन लगाकर खुद को जज बताया। अफसर उसकी बातों में आ गया व वीआईपी दर्शन करवा दिए। बाद में एक होटल में पार्टी भी दी। किसी को वह अपनी पोस्टिंग उज्जैन तो किसी को देवास बताता। वह मूलत गुना का रहने वाला है।
पास से लाल बत्ती वाली कार भी मिली
कुछ समय पहले इंदौर रहने आया था, उसके पास से लाल बत्ती लगी दो कारें पुलिस ने जब्त की है। वह बार बार अपना घर बदल लेता था। ताकि लोगों तक उसकी असलियत ना पहुंचे। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है कि कितने लोगों से अब तक वह ठगी कर चुका है।
एक जज से चेहरा मिलता-जुलता
सूत्रों के मुताबिक इंदौर के एक जज खान से राजीव लाहोटी का चेहरा मिलता था। कई वकीलों से जब राजीव का सामना होता था तो वह उसे जज खान समझ लेते थे। लाहोटी वहां से चुपचाप मिलकर निकल जाता था। इंदौर में वकीलों से मुलाकात होने पर वह अपनी पोस्टिंग उज्जैन या देवास में होना बताता था। क्राइम ब्रांच के पास जज को लेकर और भी शिकायतें पहुंची थीं। उसने इंदौर में अपने कई बंगले बदल दिए थे।