जनसुनवाई में किसान दंडवत: कलेक्टर के आदेश पर भी मुआवजा नहीं, 2 साल से भटक रहा

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Pooja Kumari
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जनसुनवाई में किसान दंडवत: कलेक्टर के आदेश पर भी मुआवजा नहीं, 2 साल से भटक रहा

सागर. जिला कलेक्टर परिसर में किसान ने अनोखे तरीके से अपना दर्द बयां किया। किसान तीन बार जनसुनवाई (sagar public hearing) में जा चुका है। लेकिन कलेक्टर के आदेश के बाद किसान को मुआवजा (compensation) नहीं मिला। आखिर में हताश किसान चौथी बार दंडवत (farmers prostration) होते हुए जनसुनवाई में पहुंचा। किसान को उम्मीद है कि शायद प्रशासन को इससे शर्म आ जाए, और वह कोई कार्रवाई करें। फरियादी किसान संदीप ने अफसरों के सामने कहा कि अगर 1 सप्ताह के भीतर उसकी समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो वह अगले हफ्ते कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान ही आत्मदाह करेगा।



2 साल से लगा रहा गुहार: संदीप ठाकुर सागर जिले की जैसीनगर तहसील के गांव रमपुरा में रहते हैं। 2 साल पहले 13 जुलाई 2020 को बिजली के खंभे में करंट की चपेट में आने से एक गाय की मौत हो गई थी। गाय की मौत के बाद निर्धारित मुआवजा प्राप्त करने के लिए वह कई बार सीहोरा स्थित बिजली वितरण केंद्र, जैसीनगर तहसील कार्यालय के चक्कर लगाए। तीन बार उन्होंने जनसुनवाई में भी आवेदन दिया। बावजूद इसके संदीप को मुआवजा नहीं मिला। 




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किसान दंडवत होकर कलेक्ट्रेट पहुंचा।




कलेक्टर के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं: चौथी बार किसान अनोखे अंदाज में कलेक्ट्रेट कार्यालय (sagar collectorate office) पहुंचा और कलेक्ट्रेट गेट से जनसुनवाई स्थल तक दंडवत होते हुए अधिकारियों के समक्ष पहुंचकर अधिकारियों को प्रणाम किया। इस मामले में कलेक्टर पहले ही मुआवजा राशि देने का आदेश जारी कर चुके हैं। लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते पीड़ित को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। संदीप ने बताया कि मेरी गाय करंट लगने के कारण मर गई है। दो साल पहले कलेक्टर ने मुआवजा के लिए आदेश दिया था। हमें गाय का मुआवजा नहीं मिल रहा है। हम सभी विभागों में भटक चुके हैं। 


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