राहुल शर्मा, भोपाल. कृषि मंत्री कमल पटेल ने अपनी सस्ती लोकप्रियता के लिए जल्दबाजी में ऐसा फैसला लिया है जिसका खामियाजा नर्मदापुरम के 15 हजार किसानों को भुगतना होगा। मंत्री पटेल ने ये फैसला अपने क्षेत्र हरदा के किसानों को फायदा दिलाने के लिए लिया है। जबकि कमल पटेल तो पूरे सूबे के मंत्री है। दरअसल नर्मदापुरम संभाग के दो जिले नर्मदापुरम और हरदा में फसल की सिंचाई के लिए नर्मदापुरम स्थित तवा बांध से नहरों में पानी छोड़ा जाता है। चूंकि तवा बांध से ही बिजली उत्पादन, ऑर्डिनेंस फैक्ट्ररी को भी पानी सप्लाई होता है, इसलिए बांध में मौजूद पानी के आधार पर सभी स्थितियों को देखते हुए जल उपयोगिता समिति बैठक कर तय करती है कि डैम से फसल के लिए कब और कितना पानी छोड़ा जाएगा। इस समिति में कमिश्नर, कलेक्टर से लेकर जनप्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। इस बार संभागीय जल उपयोगिता समिति ने नर्मदापुरम और हरदा में मूंग की फसल के लिए पानी छोड़ने की तारीख 25 मार्च तय की थी, पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने 23 मार्च को ही तवा महोत्सव मनाकर डैम से पानी छुड़वा दिया। इस दौरान उनके साथ जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट भी मौजूद थे।
मंत्री पर इसलिए लग रहे अपने जिले को फायदा पहुंचाने के आरोप: तवा डैम नर्मदापुरम जिले में है, इसलिए तवा डैम से निकली नहरों के लिए टेल यानी सबसे पीछे का क्षेत्र हरदा कहलाएगा जो कि कृषि मंत्री का गृह जिला है। जब भी डैम से नहरों के लिए पानी छोड़ा जाता है तो वह टेल एरिये में डेढ से दो दिन में पहुंचता है। किसानों का आरोप है कि मंत्री जी ने अपने जिले को फायदा पहुंचाने के लिए निर्धारित समय से पहले पानी छुड़वाया। डैम से पानी निकलकर नर्मदापुर से ही गुजरेगा लेकिन यहां अभी फसल पूरी तरह कटी नहीं है, ऐसे में पूरा पानी हरदा में चला जाएगा। खुद नर्मदापुरम के जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री आईडी कुमरे ने कहा कि नर्मदापुरम में अभी फसल नहीं कटी है पर हरदा में चना कटने से रकबा खाली हो गया था...उस हिसाब से पानी छोड़ दिया। साफ है अकेले हरदा को फायदा पहुंचाने मंत्री ने दो दिन पहले पानी छुड़वा दिया। जल संसाधन विभाग के रिटायर्ड अधिकारी एके जाटव ने कहा कि यह गलत है, जब 25 तारीख तय की थी तो उसी समय पानी छोड़ा जाना था। हरदा को फायदा पहुंचाने ऐसा किया गया।
अब समझे कैसे होगा नर्मदापुरम के किसानों को नुकसान: मूंग की फसल में पलेवा के अतिरिक्त पहला पानी 15 से 20 दिन और दूसरा पानी 35 से 40 दिन पर लगता है। नर्मदापुरम के किसानों को पलेवा और पहले पानी में तो कोई दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि इस दौरान नहर चलती रहेगी। असल समस्या तीसरे पानी में आएगी। दरअसल नहरों में पानी टेल एरिए के हिसाब से छोड़ा जाता है, क्योंकि यदि टेल एरिये में पानी की जरूरत नहीं होगी तो डैम से छोड़े जा रहा पानी की बड़ी मात्रा नहर के अंत में जाकर बहकर बर्बाद हो जाएगी। टेल यानी हरदा को पानी दो दिन पहले मिल गया, मतलब तीसरे पानी के लिए दो दिन पहले अब नहरें बंद हो जाएगी। हेड क्षेत्र यानी नर्मदापुरम के किसानों को तीसरा पानी दो दिन कम मिलेगा। मूंग की फसल में पानी का सबसे अहम रोल होता है, कम पानी से मूंग की गुणवत्ता प्रभावित होती है। वहीं भीषण गर्मी में फसल के जलने का भी खतरा रहता है। यही कारण है कि दो दिन पहले पानी छोड़े जाने का नर्मदापुरम के किसान विरोध कर रहे हैं।
6 तहसीलों में 80 फीसदी से ज्यादा कटाई शेष रह गई: किसान संगठनों के अनुसार इटारसी, डोलरिया, सोहागपुर, नर्मदापुरम, माखननगर, पिपरिया तहसील में लगभग 80 फीसदी से ज्यादा कटाई शेष रह गई है। दांयी तट नहर जो कि तवा के तट से 12 फीट ऊपर है, ऐसी स्थिति में तय तारीख से पहले पानी छोड़े जाने से माखननगर, सोहागपुर के किसानों को तवा का पर्याप्त पानी नहीं मिल पाएगा। माखननगर, सोहागपुर एवं पिपरिया तहसील में 5 अप्रैल से ग्रीष्मकालीन मूंग की बोवनी शुरू होगी। ऐसी स्थिति में अगर तवा डैम में पानी पर्याप्त नहीं होगा तो इन तीनों तहसीलों के किसान पानी से वंचित रह जाएंगे।
दो दिन पहले पानी छोड़ने से होंगे ये तीन बड़े नुकसान
- नर्मदापुर में अभी भी फसलों की कटाई बाकी है। किसान के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से मूंग की तीसरी फसल बहुत महत्वपूर्ण है। नहर में पानी छोड़े जाने के बाद कुछ किसान जल्दबाजी में फसल काट सकते हैं। पूरी तरह से गेहूं या चने की फसल पकी नहीं होने से गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
दो जिलों में पानी के बंटवारे को लेकर पैदा करेगा खाई: तवा डैम से नर्मदापुरम और हरदा के किसानों को पानी मिलता है। पानी के बंटवारे को लेकर अक्सर विवाद बना रहता है। किसान नेता बाबू चौधरी का कहना है कि कृषि मंत्री का ये रवैया दोनों जिलों के किसानों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर खाई पैदा करेगा। पिछले साल भी मंत्री ने रात में आकर अचानक पानी छुड़वा दिया, इस बार भी वही किया। अधिकारी तो मौन है ही। नर्मदापुरम जिले के 4 विधायक भी मंत्री के आगे कुछ नहीं बोल रहे। स्थिति यही रही तो आने वाले दिनों में दिक्कतें बढ़ेंगी।
फसल के लिए 4 हजार क्यूसेक पानी देंगे, शुरूआत में 500 क्यूसेक छोड़ा: तवा डैम में 782 एमसीएम पानी उपलब्ध है। मूंग की फसल के लिए 4 हजार क्यूसेक पानी दिया जाएगा। इससे 40 हजार हेक्टेयर में नर्मदापुर के किसानों को फायदा होगा वहीं हरदा में भी 40 हजार हेक्टेयर में खेती सिचिंत होगी। कृषि मंत्री कमल पटेल और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने 23 मार्च को तवा महोत्सव मनाते हुए डैम से मूंग फसल के लिए पानी छुड़वाया। पहले दिन डैम से 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। किसान नेता केदार सिरोही ने कहा कि हरदा और नर्मदापुरम जिले में बीजेपी के विधायक है। नहर में पानी छोड़ने का क्रेडिट लेने के चक्कर में कमल पटेल ने ऐसा किया।