सुनील शर्मा, BHIND. भिंड में चम्बल की बाढ़ का खतरा टला भी नहीं कि अब सिंध में सैलाब आने की चेतावनी जारी हो गई है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करके सिंध नदी के किनारे बसे गांव और आसपास के क्षेत्रों से आमजन के दूरी बनाने को लेकर सूचना जारी की गई है। पिछले साल अगस्त में ही सिंध नदी में सैलाब आया था, जिसने दतिया और भिंड में सिंध पर बने 4 पुल तोड़ दिए थे। दर्जनों गांव तबाह कर दिए थे।
मड़ीखेड़ा और मोहिनी डैम से छोड़ा जा रहा पानी
एक बार फिर भारी बारिश के चलते सिंध नदी का जलस्तर बढ़ गया है। मड़ीखेड़ा और मोहिनी डैम में भी पानी का दबाव और रिजर्व बढ़ गया है। दोनों डैम के गेट खोलकर सिंध नदी में पानी छोड़े जाने की सम्भावना को देखते हुए भिंड में प्रशासन ने सिंध के किनारे बसे गांव और नदी के आसपास के क्षेत्र में अलर्ट जारी किया है।
1 हजार क्यूसेक तक छोड़ा जा सकता है पानी
प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए बताया कि मौसम विभाग की भारी बारिश की सूचना और लगातार हो रही बारिश से मड़ीखेड़ा बांध के जलस्तर में हो रही वृद्धि के कारण शनिवार को बांध के गेट खोलकर सिंध नदी में 200 से 500 क्यूसेक पानी छोड़ने की संभावना को देखते हुए वर्तमान में मोहिनी बांध नरवर से सिंध नदी में छोड़े जा रहे पानी की मात्रा को बढ़ाकर 500 क्यूसेक से 1 हजार क्यूसेक तक किया जा सकता है।
नदी के किनारे बसे ग्रामीणों में दहशत
चेतावनी जारी होने के साथ ही सिंध किनारे बसे गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। खेरा श्यामपुरा गांव के लोग कहते हैं कि पिछले साल बाढ़ ने हमारा बहुत नुकसान किया आज भी सुबह से सिंध नदी चढ़ने लगी है। लोग दहशत में हैं, प्रशासन अलर्ट है। लेकिन डर तो है ही, बाढ़ सबकुछ बहा ले जाती है। पिछले साल हमारे मवेशी तक नदी में बह गए थे। इस बार अभी से पुलिसकर्मी गांव में आकर जानकारी दे रहे हैं। लोगों से नदी के किनारों से दूर रहने की अपील की गई है।
चंबल में बाढ़ का खतरा टला
आपको बता दें कि बीते 3 दिन पहले अचानक चम्बल नदी का जलस्तर बढ़ने से अटेर क्षेत्र के निचले गांव तक पानी आ गया था। चम्बल का जलस्तर भी खतरे के निशान 119 मीटर से 3 मीटर से ज्यादा ऊपर तक गया। हालांकि राहत रही कि जलस्तर शुक्रवार को घटना शुरू हुआ जो अब 118 मीटर के आसपास है और खतरे से बाहर है। लेकिन इस बीच सिंध के हालत बिगड़ने की आशंका बढ़ गई है। सिंध नदी में सुबह 8 बजे के मिले आंकड़ों के अनुसार मेहंदा घाट पुल का जलस्तर करीब 5.20 मीटर था जबकि खतरे का निशान 10.1 पर है जहां जलस्तर अब तेजी से बढ़ने की सम्भावना है।