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Jabalpur. त्यौहारी मौसम में विमानन कंपनियों के यात्री किराये में बेतहाशा वृद्धि हुई है जिससे न केवल उद्योग व्यापार जगत हलाकान है बल्कि नागरिकों में भी रोष है। जबलपुर से मुंबई का किराया लगभग 24 हज़ार पहुँच गया है वहीं दिल्ली समेत अन्य शहरों के मार्ग पर भी विमान कंपनियां मनचाहा यात्री किराया वसूल रही हैं, जिससे यात्रीगण खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, यह मजमून है प्रदेश की शीर्ष उद्योग व्यापार संस्था, फेडरेशन ऑफ मप्र चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा लिखे गए उस खत का जो केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भेजा गया है। एक जानकारी में फेडरेशन के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने बताया कि आज के परिवेश में विमान सेवा उपयोग की वस्तु है न कि विलासिता की। उद्यमी, व्यापारी, छात्र, स्वास्थ्य लाभ के लिए अन्य शहरों में जाने वाले रोगी तथा अन्य नागरिकगण बढ़ते हुए किराये से चिंतित हैं।
कैपिंग अलग करने का दुष्परिणाम
गत 31 अगस्त 2022 से यात्री किराये की अधिकतम सीमा यानी कैपिंग को केंद्रीय विमानन मंत्रालय ने एक सर्कुलर के माध्यम से अलग किया है। जिसके चलते अब विमानन कंपनियां डायनामिक प्राइसिंग को अपना रही हैं जिससे अधिक मांग के समय किराये में बढ़ोतरी होती है। पूर्व में सीजन के समय यात्री किराया बढ़ता था पर इस अनुपात में नहीं जैसा की अब बढ़ाया गया है। मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर से अब विमानन कंपनियां डिमांड और सप्लाई यानी मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर चल रही हैं लेकिन ये देखने में आया है कि ऑफ सीजन में भी यात्री किराया बहुत कम नहीं किया जाता।
पीएलएफ का बहाना
घरेलू विमान सेवा की कंपनियां अपना पीएलएफ या पैसेंजर लोड फैक्टर को 70 से 85 प्रतिशत बताती हैं जिसके अनुसार औसतन किसी भी वायु मार्ग पर एक विमान में 15 से 30 सीट खाली रहती हैं। जबलपुर आज दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, इंदौर, पुणे आदि शहरों से वायु मार्ग से जुड़ा है। गौरतलब है कि कभी कभार इतनी सीट खाली रहती हैं तथा अधिकांश अवसरों पर जबलपुर से बड़ी संख्या में यात्रीगण यात्रा करते हैं। इसके बावजूद भी जबलपुर के यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ रहा है जो कि सरासर अन्याय है। ऐसा प्रतीत होने लगा है की विमानन कंपनियां एक कार्टेल या समूह बनाकर कार्य कर रही हैं जिससे यात्रीगण शोषित हो रहे हैं।
पर्यटन उद्योग भी प्रभावित
जबलपुर एवं आस पास के क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं तथा बड़ी संख्या में पर्यटक जबलपुर, कान्हा , बांधवगढ़, पेंच, पचमढ़ी, पन्ना, खजुराहो के टूरिस्ट सर्किट में आते हैं। कम समय में गंतव्य तक पहुंचना सभी चाहते हैं लेकिन बढ़े हुए यात्री किराये से पर्यटक भी हतोत्साहित होते हैं जिससे पर्यटन उद्योग भी प्रभावित होता है।
फेडरेशन के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे, कमल ग्रोवर, बलदीप मैनी, अशोक कपूर, राजीव अग्रवाल, अरुण पवार, अमरप्रीत छाबड़ा, शशिकांत पांडेय आदि ने केंद्रीय विमानन मंत्री को इस आशय का पत्र लिखा है तथा मांग की है कि यात्री किराये की अधिकतम सीमा शीघ्र ही निर्धारित की जाये ताकि कंपनियों की मनमानी पर रोक लग सके।