दिवाली (Diwali) पर मध्यप्रदेश के लोगों के लिए अच्छी खबर है। त्योहार पर आप पटाखे (Firecrackers) फोड़ सकेंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कहा है कि मध्य प्रदेश के जिन शहरों में वायु प्रदूषण (Pollution) अधिक होगा, वहां पटाखे नहीं फोड़े जा सकेंगे। इसी तरह मॉडरेट एयर क्वालिटी शहरों में सिर्फ दो घंटे ही ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी। न्यू ईयर और क्रिसमस पर सिर्फ 15 मिनट पटाखे फोड़े जा सकेंगे। आदेश का उल्लंघन करने वालों से आर्थिक दंड वसूलने के निर्देश दिए गए हैं। एनजीटी ने 200 से ज्यादा एयर इंडेक्स क्वालिटी होने पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है। राहत की बात यह है कि अब तक मध्यप्रदेश के अधिकांश शहरों में एयर इंडेक्स क्वालिटी 200 से कम रही है। इस वजह से इन शहरों में दो घंटे ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकेंगे। शहर के औद्योगिक क्षेत्रों में भी एयर इंडेक्स क्वालिटी 150 के आसपास बनी हुई है।
कोरोना को भूल नहीं सकते
कोविड के चलते इस बार भी दिवाली, क्रिसमस (Christmas) पर पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। इस संबंध में दायर याचिका पर एनजीटी ने 20 पेज का आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने पटाखों को लेकर आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जहां दिल्ली व एनसीआर में पटाखों पर पूरी तरह रोक लगा दी है। वहीं, एनजीटी ने शहरों की वायु गुणवत्ता के आधार पर पटाखे फोड़ने या रोक लगाने के निर्देश संबंधी शहर के कलेक्टर, राज्य सरकार और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की जवाबदेही तय की है।
MP के शहरों की स्थिति
प्रदेश के बड़े इंडस्ट्रियल एरिया में भी 28 अक्टूबर को एयर इंडेक्स 150 के करीब है। यानी यहां स्थिति कंट्रोल में है। भोपाल के मंडीदीप, गोविंदपुरा, इंदौर के पीथमपुर, देवास, छिंदवाड़ा, जबलपुर मर्यादित दुग्ध संघ, सांवेर रोड, मुरैना में बानमोर, भिंड का मालनपुर, सतना में वैष्णव फ्लोर मिल एरिया, कटनी में भी 100 से 150 के बीच में है। वहीं, उज्जैन में महाकाल मंदिर और आसपास के इंडस्ट्रियल में 100 से 150 के करीब है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है
अन्य इंडेक्स की तरह ही एयर क्वालिटी इंडेक्स भी हवा की गुणवत्ता को बताता है। यह बताता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली है। हवा की गुणवत्ता के आधार पर इस इंडेक्स में 6 कैटेगरी की गई हैं। जैसे अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित, खराब, बहुत खराब और गंभीर। जैसे-जैसे हवा की गुणवत्ता खराब होती जाती है, वैसे ही रैंकिंग अच्छी से खराब और फिर गंभीर की श्रेणी में आती जाती है।
कोर्ट की सख्ती, जुर्माना की घोषणा
एनजीटी के जस्टिस शिव कुमार सिंह और एक्सपर्ट मेंबर अरुण कुमार वर्मा ने आदेश में कहा कि इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। पहली बार यदि उल्लंघन करता है, तो एक हजार रुपए और साइलेंट जोन में पटाखा फोड़ने पर 3000 हजार रुपए देने होंगे। पब्लिक रैली, बारात, शादी या धार्मिक समारोह में 10 हजार और साइलेंट जोन में 20 हजार जुर्माना देना होगा। दूसरी बार ऐसा करने पर 40 हजार और इससे अधिक बार करने पर 1 लाख रुपए देने होंगे।