स्वच्छता में चार बार से देश में नंबर एक इंदौर (Indore) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत सरकार ने आज इंदौर को देश का प्रथम वॉटर प्लस शहर (first water plus city) घोषित किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने इस उपलब्धि के लिए इंदौर नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही नागरिकों को बधाई दी है। शिवराज सिंह ने कहा है कि सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा प्राप्त करने के बाद अब इंदौर देश का पहला वॉटर प्लस सिटी बन गया है। यह इतिहास रचने के लिए सभी इंदौरवासियों को बधाई। आप पर, आपकी कार्यशैली और आपके अनुशासन पर पूरे प्रदेश को गर्व है।
सर्वे में टॉप पर इंदौर
वॉटर प्लस की चयन प्रक्रिया में देश के 84 शहरों ने आवेदन किए थे, जिसमें से सिर्फ 33 शहरों को जमीनी सत्यापन (ग्राउंड वेरीफिकेशन) के लिए सही पाया गया था। सर्वे के लिए नगर निगम ने इंदौर की कान्ह और सरस्वती नदियों के साथ उनसे जुड़े छह नालों की सफाई कर उनमें मिलने वाले घरेलू गंदे पानी की आवक रोकी है। अधिकारियों के अनुसार इंदौर के लिए यह सर्वे प्रतिष्ठापूर्ण रहा, क्योंकि इंदौर शहर का दावा सबसे मजबूत था।सर्वे टीम ने खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) डबल प्लस का सर्वे भी किया। इसमें शहर के शौचालयों और यूरिनल की जांच की गई। इसमें देखा गया कि सभी शौचालयों और यूरिनल में फ्लश, हाथ धोने, लाइट और मानक स्तर की अन्य सुविधाएं हैं या नहीं।
किन्हें दिया जाता है ये सर्टिफिकेट
वॉटर प्लस का प्रमाण-पत्र उन शहरों को दिया जाता है, जिन्होंने ओडीएफ डबल प्लस के सभी मानकों को पूर्ण किया हो। साथ ही आवासीय और व्यावसायिक दुकानों से निकलने वाले अवशिष्ठ मल-जल को उपचार के बाद ही पर्यावरण में छोड़ा जाता हो। ट्रीटेड वेस्ट-वॉटर का फिर से उपयोग भी तय किया जाता हो।