इंदौर. अहिल्या की नगरी एक बार फिर रंगपंचमी पर रंगीन (Indore biggest rangpanchmi gair) हुई। दो साल बाद निकली रंगपंचमी की गेर ऐतिहासिक हो गई। इसमें 5 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से 4 गेर और फाग यात्रा निकल कर जब राजबाड़ा पहुंची तो यहां आसमान सतरंगी हो गया। मुख्य रूप से आज चार गेर निकाली गई। इसमें शामिल है संगम गेर, मॉरल क्लब गेर, रसिया कार्नर गेर और हिन्द रक्षक गेर। इसमें हजारों किलो गुलाल और पानी से लाखों लोगों को भिगोया गया। वर्षों पुरानी इस परंपरा के लाखों लोग साक्षी भी बने। हर वर्ष की तरह इन गेरों को देखने के लिए बाहर से आए लोगों का हुजुम उमड़ा। यहां अलग-अलग रंग के साथ मोरल क्लब ने इस बार शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
रंगपंचमी पर इंदौर की ऐतिहासिक रसिया गेर नजारा https://t.co/Pn7SJSchC3
— TheSootr (@TheSootr) March 22, 2022
सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम: दो साल बाद निकल रही गेर को लेकर पुलिस-प्रशासन विशेष अलर्ट पर थे। यहां तीन हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी और अफसरों को तैनात किया गया था। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने विशेष इंतजाम किए गए थे। दो हजार से ज्यादा नगर निगम कर्मचारी भी तैनात किए गए थे। साथ ही सादे कपड़ों में भी पुलिस के जवान भीड़ में असामाजिक तत्वों पर नजर रख रहे थे। रंगों से बचने के लिए गेर मार्ग के रहवासियों और व्यापारियों ने अपनी बिल्डिंग को प्लास्टिक से ढंका था। तो वहीं इंदौर पुलिस ने सुरक्षा के चलते गेर मार्ग पर 200 सीसीटीवी कैमरे और 20 ड्रोन कैमरों से निगरानी कर गेर का आयोजन अमन और शांति से कराया।
गेर को UNESCO की धरोहरों में शामिल करने की कोशिश: यह गेर प्रदेश ही नहीं पूरे देश की धरोहर के रूप में पहचान पाने वाली है। 75 साल से चल रहे इस समारोह का आयोजन को इस बार यूनेस्को (UNESCO) में शामिल करवाने का प्रयास रहा। दो साल बाद रंग पंचमी महोत्सव मनाया गया। इससे पहले जिला प्रशासन ने 2019 में यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल करने का प्रयास किया था, लेकिन कोरोना की वजह नहीं हो पाया।