75 साल से दमोह का नागदेव परिवार कर रहा रावण की पूजा, परिवार का विश्वास, हर संकट को हर लेते हैं दशानन, परिवार मानता है अपना गुरु

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
75 साल से दमोह का नागदेव परिवार कर रहा रावण की पूजा, परिवार का विश्वास, हर संकट को हर लेते हैं दशानन, परिवार मानता है अपना गुरु

Damoh. दमोह में आज रावण दहन का कार्यक्रम है। पूरी दुनिया में रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है और इसी उद्देश्य के साथ लोग बुराई पर अच्छाई  की जीत मानकर रावण का दहन करते हैं, लेकिन दमोह में एक ऐसा परिवार जो रावण के प्रति अटूट आस्था रखता है। पूरा परिवार बीते 75 सालों से रावण की उपासना कर रहा है। इस परिवार के लोग रावण को अपना गुरु मानते हैं। उन्हें विश्वास है कि रावण इष्ट के रूप में उनके हर संकट को दूर कर देते हैं। आइए हम जानते हैं इस परिवार की आस्था का कारण।



दमोह शहर के सिंधी कॉलोनी में रहने वाले सिंधी समाज के बुजुर्ग गुनामल नागदेव सिंधी को करीब 75 साल पहले रावण का फोटो मिला। जब वो उसे घर लेकर पहुंचे, तो उनके पिता ने बताया कि रावण हमारे इष्ट है और हम इनकी पूजा करते हैं। इसके बाद घर में रावण की पूजा का क्रम उन्होंने लगातार देखा। बीते 75 साल से वे भी पूजा कर रहे हैं।



लंकेश के नाम से बनी हरीश की पहचान




दमोह में रेस्टोरेंट का कारोबार करने वाले हरीश नागदेव जो कि गुनामल के बेटे हैं। उन्हें लोग लंकेश के नाम से ही जानते हैं। हरीश का कहना है कि उन्होंने अपने पिता को रावण का पूजन करते हुए देखा, तो उन्होंने भी पूजन शुरू कर दिया। बीते 48 साल से वह भी पूजन करते आ रहे हैं। उनका विश्वास है कि रावण कर्मकांडी ब्राह्मण थे, जो शिव भक्त भी थे। वो हमारे हर संकट को दूर करते हैं।  



रावण का पूजन देखकर अचंभित हो गई थी रेशमा




हरीश नागदेव की पत्नी रेशमा ने बताया कि 24 साल पहले जब विवाह के बाद वह ससुराल पहुंची तो देखा कि यहां रावण की पूजा हो रही है। वह हैरत में पड़ गई, लेकिन परिवार के लोगों की रावण के प्रति जो आस्था देखकर उनका मन भी रावण की पूजा करने को हो गया और तब से बिना कोई सवाल किए वह भी रावण के प्रति अपनी अटूट आस्था रखती है।



रावण आरती की भी कर ली रचना



यहां तक कि परिवार ने लंकेश दशानन की पूजा के बाद की जाने वाली आरती की भी रचना कर रखी है। हर साल विजयादशमी के पहले परिवार लंकेश की पूजन अर्चन के बाद परिवार समेत आरती भी करता है। आरती यह संदेश देती है कि रावण ने सभी को यह पाठ पढ़ाया कि उन्हें अहंकार नहीं करना चाहिए।


परिवार मानता है अपना गुरु दमोह में होती है रावण की पूजा 75 साल से दमोह का नागदेव परिवार कर रहा रावण की पूजा दमोह में हैं रावण के अनन्य उपासक the family considers its guru the Nagdev family of Damoh has been worshiping Ravana There are exclusive worshipers of Ravana in Damoh दमोह न्यूज़ Damoh News
Advertisment