भोपाल. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार में मंत्री रहीं उमा भारती ने एक बार फिर शराबबंदी का सुर अलापा है। उमा ने 18 सितंबर को भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि गंगाजी को गंगासागर छोड़कर आऊंगी। तब तक यहां पर जागरूकता अभियान चलेगा। 15 जनवरी के बाद मध्य प्रदेश में शराबबंदी लागू करवाकर रहूंगी। गंगासागर से यही तय करके आऊंगी। इससे पहले मार्च में भी उमा ने मध्य प्रदेश में शराबबंदी की बात कही थी।
इसी साल मार्च में भी उमा का बयान सामने आया था
मार्च में उमा रायसेन के सांची स्थित सांचेत में वोटरों का आभार जताने पहुंची थीं। उन्होंने तब भी कहा था कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी होकर ही रहेगी। राज्य सरकार राजस्व की क्षति पूर्ति के रास्ते निकाल ले। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी शराबबंदी के उतने ही पक्ष में हैं, जितनी मैं हूं।
कांग्रेस ने उमा पर निशाना साधा
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने उमा भारती के बयान पर ट्वीट किया।
उमा भारती जी , आपने आज भी 15 जनवरी तक प्रदेश में शराबबंदी करने की बात कही है , सड़कों पर आने की बात कही है।
इसके पहले 2 फ़रवरी को भी आपने घोषणा कर कहा था कि 8 मार्च महिला दिवस से आप नशामुक्ति अभियान प्रारम्भ करेगी।
आप का अभियान चला ही नही, आप घोषणा कर ग़ायब हो गयी ? pic.twitter.com/dOBVLCGnpl— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) September 18, 2021
उमा फिलहाल हाशिए पर हैं
उमा दिसंबर 2003 से अगस्त 2005 तक मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। इसके बाद बीजेपी आलाकमान से उनकी नाराजगी की खबरें सामने आईं। पार्टीविरोधी बयानों (आडवाणी के खिलाफ बयानबाजी) के चलते उन्हें बीजेपी से बर्खास्त कर दिया गया। 2006 में भारतीय जनशक्ति पार्टी बना ली। 2011 में उनकी बीजेपी में वापसी हो गई। 2014 में उमा ने झांसी से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतीं।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल (2014-19) में उमा 2014 से 2017 तक गंगा सफाई मंत्री रहीं। 2017 से 2019 से पेयजल मंत्री रहीं। फिलहाल उनके पास कोई जिम्मेदारी नहीं है। मप्र में शराबबंदी को लेकर ही वे कई बार बयानबाजी कर चुकी हैं। जानकारों का कहना है कि राजनीति की मुख्यधारा में बने रहने के लिए वे इस तरह की बयानबाजी कर रही हैं।