पूर्व सीएम उमा भारती और सीएम शिवराज के बीच की केमेस्ट्री गड़बड़ाई, बातचीत बंद

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rahulk kushwaha
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पूर्व सीएम उमा भारती और सीएम शिवराज के बीच की केमेस्ट्री गड़बड़ाई, बातचीत बंद

भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम उमा भारती के बीच बातचीत बंद हो गई है। एक तरह से शराबबंदी के मुद्दे पर दोनों के बीच ठन गई है। खुद उमा भारती ने ट्वीट कर इस अबोलेपन पर मुहर लगाई है। दरअसल दोनों के बीच जो बातचीत बंद हुई है, वो उमा की शराबबंदी के मुद्दे को लेकर हुई है। शिवराज ने उज्जैन में उमा की शराबबंदी की बात का जवाब दिया, सार्वजनिक तौर पर यही बात उमा भारती को बुरी लग गई है। अब दोनों नेताओं के बीच की जो केमेस्ट्री बिगड़ी है, उस केमेस्ट्री में कांग्रेस अपना मैथेमेटिक्स लगाने में जुट गई है।



शराबबंदी की मुहिम से बिगड़ी केमेस्ट्री



उमा भारती और शिवराज के बीच बातचीत बंद है। इसका खुलासा उमा भारती के ट्वीट से हुआ। उमा ने एक के बाद एक 11 ट्वीट किए। अपने पहले ट्वीट में उमा ने लिखा कि शिवराज सिंह चौहान से 1984 से लेकर मार्च 2022 तक सम्मान और स्नेह के संबंध बने रहे, शिवराज जी ऑफिस जाते समय या मेरे हिमालय प्रवास के समय या मेरे किसी भजन का स्मरण आने पर या तो मुझसे मिलते थे या फोन करते थे। दूसरे ट्वीट में लिखा कि मैंने शिवराज जी से 2 साल हर मुलाकात में शराबबंदी पर बात की है, अब बात बाहर सामने आ गई है, तो भाई ने अनबोला क्यों कर दिया है और मीडिया के माध्यम से बात क्यों करने लगे हैं। यानी दोनों के बीच बातचीत उमा के पत्थर कांड के बाद से ही बंद है। उमा ने 14 मार्च को भोपाल की एक शराब दुकान पर पत्थर फेंककर अपना गुस्सा जाहिर किया था। इसके बाद उमा ने 1 अप्रैल को ट्वीट कर फिर सरकार की पॉलिसी पर सवाल खड़े किए थे। लिखा था कि सरकार राजस्व हासिल करने के लिए शराब सस्ती कर रही है और वो शर्मिंदा हैं।



शिवराज की चुप्पी



उमा की इस मुहिम को लेकर शिवराज अब तक चुप्पी साधे बैठे थे। कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी लेकिन शनिवार 2 अप्रैल को उज्जैन के गौरव दिवस कार्यक्रम में शिवराज ने सार्वजनिक रूप से पहली बार इस पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि यदि लोग शराब पीना बंद कर दें तो मैं शराब दुकान बंद कर दूंगा।



उमा की सलाह



उमा ने इसी के बाद अबोला जाहिर किया और ये लिखा कि सार्वजनिक तौर पर कहने की बजाए मिलकर कहते तो अच्छा था। लेकिन उमा यहीं नहीं रूकीं। उमा ने अगले ट्वीट में सलाह देते हुए टिप्स दे दिए कि कैसे शराबबंदी होगी। अपने छठे ट्वीट में उमा लिखती हैं कि अहातों में शराब परोसने की व्यवस्था हम तुरंत बंद करें। सातवें में लिखा कि स्कूल, अस्पताल, मंदिर एवं अन्य निषिद्ध स्थानों के पास शराब की दुकानें भी बंद हों। आठवें में लिखा कि घर-घर शराब पहुंचाने की घिनौनी व्यवस्था तुरंत रुके। नौवें ट्वीट में लिखा कि जहां महिलाएं या नागरिक विरोध करें, वहां दुकानें न खोली जाएं, इन्हीं ने तो हमारी सरकार बनाई है।



इतनी सलाह देने के बाद उमा ने आगे के स्टेप भी सुझा दिए



उमा भारती ने 10वें ट्वीट में लिखा कि जो वैध एवं उचित स्थान पर शराब की दुकानें हों, वहां फोटो के साथ होर्डिंग लगें कि शराब पीने से क्या-क्या नुकसान होते हैं। उमा ने आखिरी ट्वीट में लिखा कि ये सब करने के बाद जागरुकता अभियान चले, जिसमें सभी धर्मों के साधु-संत, सामाजिक संस्थाएं और मेरे और शिवराज जी की तरह सभी दलों के नेता शामिल हों।



उमा भारती को नहीं मिली तवज्जो



अब जैसे उमा भारती ने ट्वीट किया है उससे लगता है कि उमा चाहती थीं कि शिवराज उनसे मिले और पूछे कि कैसे हो सकती है शराबबंदी। लेकिन न तो शिवराज और न ही बीजेपी दोनों ने ही उमा को तवज्जो नहीं दी। इसलिए उमा ने टिप्स दिए और दूसरा ये मैसेज साफ गया है कि अब उमा भारती को बीजेपी में कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है। इसलिए मतभेद खुलकर सामने आ गए।



दिग्विजय की चुटकी



इसलिए दिग्विजय सिंह ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने में देर नहीं की। दिग्विजय ने लिखा कि उमा जी और मामू जी में शराबबंदी को लेकर बहुत बुनियादी मतभेद जनता के सामने आ गए हैं। भाजपा केंद्रीय व प्रांतीय नेतृत्व को अपनी निर्धारित नीति उजागर करना चाहिए।



उमा के दांव को बीजेपी ने किया फेल



जिस दिन से उमा भारती ने पत्थर फेंका उसी दिन से राजनीति के जानकारों की राय थी कि उमा इसके जरिए अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करना चाह रही हैं। बीजेपी ने भी इसलिए उमा के इस दांव को फेल किया, क्योंकि राजस्व की बलि देना तो सरकार को मंजूर होगा नहीं। जब आंकड़े ये कह रहे हो कि 2021-22 में आबकारी विभाग ने टारगेट से ज्यादा 386 करोड़ रुपए सरकार के खजाने में जमा करवाए हैं। आबकारी विभाग को टारगेट दिया था 10 हजार 340 करोड़ रुपए का और आय हुई 10 हजार 386 करोड़ रुपए यानी 100 फीसदी से ज्यादा। कहावत है कि बात निकली है तो दूर तलक जाएगी और इस मामले में भी ऐसा ही कुछ होने वाला है।


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