भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा में 3 मार्च को पूर्व विधायकों का सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें बीजेपी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी समेत अन्य पार्टियों के पूर्व विधायक शामिल हुए हैं। यह पहला मौका है जब विधानसभा पूर्व विधायकों का सम्मेलन आयोजित कर रही है। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने ऐलान किया कि पूर्व विधायकों को अब विधानसभा के रेस्ट हाउस में रूकने के लिए कोई किराया नहीं देना होगा। साथ ही पूर्व विधायकों के लिए रेस्ट हाउस में 25 कमरे भी आरक्षित किए जाएंगे। वहीं विधानसभा की ओर से ही भोजन नाश्ते की सुविधा रहेगी। बता दें कि पूर्व विधायक लगातार रेस्ट हाउस का किराया खत्म करने, विधानसभा में होने वाले चाय नाश्ते का खर्च उठाने की मांग कर रहे थे, जिस पर अध्यक्ष ने भी अपनी सहमति दे दी। अभी तक पूर्व विधायकों से पहले तीन दिन 20 रुपए और इसके बाद 3 दिन 50 रुपए रोज के हिसाब से किराया लिया जाता था। इसके बाद भी यदि कोई पूर्व विधायक कमरे में रूकता तो उसे 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज देना होता था। अब इसे 6 दिन के लिए निःशुल्क कर दिया गया है। अध्यक्ष ने कमरों के जीर्णोद्धार की भी बात कही।
वर्तमान के जैसी ही पूर्व विधायकों को मिलेगी यात्री सुविधा: अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि अब छुट्टी के दिन भी कूपन और रेलवे आरक्षण काउंटर 2 घंटे के लिए खुला रहेगा। ट्रेन के टिकट मिलेंगे, जिन पूर्व विधायकों को चलने फिरने में दिक्कत होती है उन्हें घर तक टिकट पहुंचाकर दिए जाएंगे। वर्तमान विधायकों जैसी यात्रा सुविधाएं भी पूर्व विधायकों को दी जाएंगी। पेंशन के मामले में बोले कि मुख्यमंत्री के सामने बात रखेंगे। पांचवीं विधानसभा के सदस्य रामकुमार भारती, सुधा जैन, मधुकरराव हर्णे सहित करीब 207 पूर्व सदस्य भी बैठक में मौजूद रहे।
पहले फेस टू फेस का वातावरण, आज फेसबुक का जमाना: अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि पांचवीं विधानसभा के समय पहले फेस टू फेस का वातावरण था आज फेसबुक का जमाना है। वो जमाना आज के जमाने से बेहतर था। पहले विधायक विधानसभा में प्रश्न लगाते थे तब खबर बनती थी, आज खबर के आधार पर प्रश्न लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायकों की कोई समस्या हो तो मैं जिम्मेदार हूं, मुझे बताइए।
पूर्व विधायकों का छलका दर्द: सम्मेलन में पूर्व विधायकों का दर्द भी छलका। पूर्व विधायक बृजेंद्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि पहली बार किसी अध्यक्ष ने सम्मान किया, पहले तो चाय तक नहीं पूछी। पूर्व विधायक जसवंत सिंह ने कहा कैबिनेट और राज्यमंत्री की तरह नहीं तो संसदीय सचिव जैसी सुविधाएं तो दें। ताकि आप हम विधायक का स्टेटस मैंटेन कर सकें। जसवंत सिंह ने कहा कि पूर्व विधायक मांग करते हैं तो खिल्लियां उड़ाई जाती है। कम कीमत में मिलने वाले खाने को लेकर आलोचना होती है। हमारी तकलीफ सुनने वाला कोई नहीं है। पूर्व विधायक होने के बावजूद दो 2-2 रुपए के लिए हाथ फैला रहे हैं। पूर्व विधायकों को संसदीय सचिव के बराबर सुविधा मिलनी चाहिए।
पूर्व विधायकों की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की मांग के पीछे दिए ये तर्क: पहले से ही मिल रही सुविधाओं में और बढ़ोत्तरी क्यों चाहिए? इस सवाल के जवाब में भोपाल से पूर्व विधायक गुट्टू शर्मा, हरदा से रामकिशोर दोगने और जुन्नारदेव से नथ्थन शाह कवरैती ने कहा कि भले ही वह पूर्व विधायक हो गए हो, लेकिन जनता की आज भी उनसे अपेक्षाएं रहती है। वह क्षेत्र के दौरे करते हैं। पहले विधायक का वेतन 250 रुपए था, क्या उस हिसाब से पेंशन मिलना ठीक होगा। मुख्य मांग सम्मान की है। पूर्व सदस्यों को भी पर्याप्त सम्मान मिलना चाहिए।