Sidhi : टिकट न मिलने पर बागी हुए, BJP की हार का कारण बने; फिर से जॉइन की पार्टी

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Brijesh Pathak
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Sidhi : टिकट न मिलने पर बागी हुए, BJP की हार का कारण बने; फिर से जॉइन की पार्टी

Sidhi. सिहावल के पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक दोबारा बीजेपी में शामिल हो गए हैं। पिछले चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए थे जिसके कारण बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। बाद में पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था। हालांकि इसके बाद से बीजेपी की सिहावल क्षेत्र में दम-खम वाले नेता की तलाश जारी रही।



भोपाल में ग्रहण की सदस्यता



पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक ने भोपाल में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में सदस्यता ग्रहण की। उस दौरान उनके बेटे और सिंगरौली के जिला पंचायत अध्यक्ष अजय पाठक बब्लू भी साथ रहे। विधानसभा क्षेत्र के 100 से ज्यादा लोगों ने सदस्यता ग्रहण की।



इंद्रजीत को परास्त किया तो बेटे से खाई शिकस्त



विश्वामित्र पाठक 2008 में सिहावल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और 7 बार के विधायक रह चुके पूर्व मंत्री इंद्रजीत कुमार पटेल को शिकस्त देने में सफल रहे। 2013 में बीजेपी ने उन्हें फिर टिकट दिया और वे इंद्रजीत कुमार पटेल के बेटे कमलेश्वर पटेल से चुनाव हार गए। 2018 में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। राजनीतिक गणित के कारण शिव बहादुर सिंह को टिकट दिया गया और बीजेपी फिर हार गई। तब से लगातार बीजेपी सिहावल विधानसभा क्षेत्र में दमखम वाले नेता को तलाशने में जुटी रही।



निर्दलीय चुनाव लड़कर दिखाया दम



2018 में बीजेपी ने जब विश्वामित्र पाठक को टिकट नहीं दिया तो वो जनता की मांग पर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए। उनके मैदान में आने से सिहावल विधानसभा क्षेत्र का चुनाव त्रिकोणीय हो गया। विश्वामित्र को करीब 28 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में प्रदर्शन तो ठीक रहा पर बीजेपी ने किनारे कर दिया।अब फिर चुनाव आने वाले हैं ऐसे में पार्टी को दमदार नेता की तलाश थी तो विश्वामित्र को भी बीजेपी में शामिल होने की जल्दी थी।



दो जिलों के सम्पर्क में सिहावल विधानसभा



सिहावल विधानसभा क्षेत्र सीधी जिले के साथ सिंगरौली जिले के देवसर तहसील में भी आता है। पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक देवसर से आते हैं। अब देखना होगा कि आगे आने वाले जनपद पंचायत, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत चुनाव में वे कितना कारगर साबित हो पाते हैं।



चुनावी तैयारी में जुटे दोनों दल



स्थानीय चुनाव की प्रक्रिया जहां प्रशासन द्वारा की जा रही है, वहीं बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल खुद को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। हाल ही में कांग्रेस ने सीधी और सिंगरौली जिले को नया जिलाध्यक्ष दिया तो वहीं बीजेपी ने अपने से दूर जा चुके लोगों को फिर से बीजेपी में शामिल कर मजबूत होने का संकेत दिया है। निकट भविष्य में अभी और भी जोड़-तोड़ होंगे। कुछ इधर आएंगे तो कुछ उधर जाएंगे।

 


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