सागर. पूर्व वित्तमंत्री (Former Finance Minister) राघव जी सीडी कांड (Raghav jee CD) से चर्चा में आए वन विकास निगम (Forest Development Corporation) के पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर पटैरिया (Shivshankar Pataria) की 18 फरवरी को इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्होंने 8 फरवरी की देर रात मंडी बामोरा (Mandi Bamora) में जहरीला पदार्थ (Poisonous Substances) खाया था। उन्होंने इसकी सूचना अपने परिजन को मैसेज पर दी थी। इसके बाद उनका बेटा मंडी बामोरा में पहुंचा था। यहां से उन्हें इलाज के लिए बीना ले जाया गया था, जहां से प्राथमिक उपचार के उपरांत सागर रेफर कर दिया गया था। गंभीर हालत में उन्हें सिविल अस्पताल से सागर के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां स्थिति नाजुक होने पर पटैरिया को भोपाल रैफर किया गया था। वहीं, सोशल मीडिया पर शिवशंकर पटैरिया का एक सुसाइड नोट (Suicide Note) भी वायरल हो रहा है, जिसमें सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।
बगीचा में बेहोश मिले थे: शिवशंकर पटैरिया (61) वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। पटैरिया ने 8 फरवरी को रात में करीब 2 बजे मंडीबामोरा में जहरीला पदार्थ खाया था। इसके पहले उन्होंने अपने परिजन को इंटरनेट मीडिया पर मैसेज किया। इसके बाद उनका बेटा सौरभ अपने छोटे भाई के साथ उन्हें तलाशने निकला। वह बिहारी मंदिर के पीछे बगीचा में बेहोशी की हालत में मिले। तत्काल उन्हें रिफाइनरी अस्पताल लाया गया था।
पटैरिया का वायरल सुसाइड नोट: पटैरिया ने नोट में आत्महत्या के लिए अजयगढ़ पन्ना के हनुमान प्रसाद द्विवेदी को जिम्मेदार ठहराया है। उसके बारे में पटेरिया ने लिखा है कि वह 16 साल से उनके साथ था और सब कुछ ठग कर ले गया। पटैरिया ने हत्या के मामले में सरकार को भी घेरा था। सुसाइड नोट में लिखा था कि उसके खिलाफ सरकार ने एकतरफा 307 का केस लगाया है। शासन में बैठे लोग मुझे सजा दिलाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से सक्रिय हैं। सरकार से नहीं लड़ सकता और इतना ताकतवर नहीं हूं। पटैरिया के कथित सुसाइड नोट में उन्होंने एक साल से अपनी परेशानी बताई है और कहा कि अब जिया नहीं जाता। हर निर्णय उलटा हो रहा है। हालांकि, द सूत्र इस सुसाइड नोट की पुष्टि नहीं करता है।
लंबे समय से तनाव में थे शिवशंकर पटैरिया: पटैरिया के छोटे भाई कृष्णा पटैरिया ने बताया कि वह लंबे समय से तनाव में थे। नवंबर 2020 में उनके उपर 307 का प्रकरण दर्ज हुआ था। उसके बाद लंबे समय तक वह जेल में रहे थे। जेल से बाहर आने के बाद से ही वह तनाव में थे। बीते एक साल में उनके दो मकान भी बिक गए और वह भोपाल छोड़कर मंडीबामोरा में किराए के मकान में रहने लगे थे।
उमा भारती के नजदीकी रहे हैं पटैरिया: शिवशंकर पटैरिया पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बेहद नजदीकी माने जाते थे। उमा जब मुख्यमंत्री थी, तब पटैरिया वन विकास निगम के अध्यक्ष रहे हैं। पूर्व वित्त मंत्री राघवजी सीडी कांड से वह चर्चा में आए। पटैरिया सीएम शिवराज के खिलाफ बुदनी से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।