Dindori. सर्प हमारे पर्यावरण के न केवल रक्षक हैं, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र को सुचारू रखने में भी काफी मदद करते हैं। लेकिन बरसात के दिनों में जब इनके बिलों में पानी भर जाता है और इनके भोजन चूहे और मेंढक वगैरह जब इंसानी बस्तियों का रुख कर लेते हैं तो मजबूरन इन्हें भी इंसानों की जिंदगी में दखल देना पड़ जाता है। लेकिन ऐसे हालात में सांपों से लोगों की रक्षा और लोगों से सांपों की रक्षा का काम सर्पमित्र या स्नैक कैचर करते हैं। बात यदि डिंडौरी की हो तो यहां नमःशिवाय का नाम ले लेने से ही लोगों को घर में आ धमके जहरीले जीव जंतुओं से छुटकारा मिल जाता है। हम भगवान भोलेनाथ के जाप की बात नहीं कर रहे, बल्कि पूर्व मंत्री और विधायक ओमकार मरकाम के बेटे नमः शिवाय मरकाम की बात कर रहे हैं जो डिंडौरी के सर्पमित्र हैं।
घर में सांप घुसने पर नम:शिवाय ही आते हैं
विधायक ओमकार मरकाम के बेटे नमःशिवाय ने शौकिया तौर पर यह काम शुरू किया था। बचपन से ही प्रकृति प्रेमी रहे नमःशिवाय ने पर्यावरण में सांपों की भूमिका को जाना और उनसे दोस्ती कर ली। अब डिंडोरी में जब भी किसी के घर में ऐसे जहरीले जीव जंतु आ धमकते हैं तो लोग नमःशिवाय से संपर्क करते हैं। 3 अगस्त को उन्होंने सरई गांव में एक कोबरा प्रजाति के सर्प का रेस्क्यू किया जो काफी घायल हो चुका था। नमःशिवाय ने न केवल पशु चिकित्सक नरेंद्र मरावी से सर्प का इलाज कराया बल्कि उसे प्राथमिक उपचार देकर जंगल में छोड़ दिया।
शिवाय बताते हैं कि उन्होंने जनसेवा के लिए यह तरीका चुना है। इससे लोगों की सेवा तो होती ही है साथ ही पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत रखने वाले सर्पों का भी संरक्षण हो जाता है।