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Indore. गुजरात का व्यक्ति, भोपाल ( Bhopal) की फर्म, इंदौर (Indore), आकर कंपनी के नाम से डुप्लीकेट सिम ली और 35 लाख (35 Lakh) रुपए कंपनी के खाते में से निकाल लिए। यह सारा कारनामा उसने महज 18 मिनट (18 Minute) में कर दिया। जालसाज बीएसएनएल (BSNL) के सीसीटीवी में भी कैद हो गया लेकिन अभी तक पकड़ में नहीं आया है। पैसा उसने पश्चिम बंगाल (West bungal) की दो निजी बैंकों के खाते में पहुंचाया। अब बैंक, बीएसएनल और कंपनी के बीच कानूनी विवाद हो रहा है कि गलती किसकी है।
भोपाल की एमपी नगर स्थित एक फर्म के मालिक के नाम पर करीब अठारह साल से बीएसएनएल की सिम चल रही थी। इसी सिम को इंटरनेट बैंकिंग के लिए बैंक में रजिस्टर्ड करवा रखा था। तीन-चार महीने पहले इंदौर के बीएसएनएल दफ्तर में एक व्यक्ति पहुंचा और उक्त सिम गुम होने के कथित दस्तावेज देकर नई सिम इश्यु करने का आवेदन दिया। उसने खुद को कंपनी का कर्मचारी और नाम जयेश कुमार शाह (Jayesh Kumar Shah) , गुजरात (Gujrat) बताया। जानकारी के मुताबिक नई सिम आबंटित होने के लिए जो दस्तावेज लगते हैं, उसने सभी उपलब्ध करवाए और कंपनी के नाम की नई सिम ले गया।
18 मिनट में कर दिए 35 लाख गायब, रविवार का दिन चुना
सिम अलॉट होने के बाद उक्त जालसाज ने कंपनी के खाते में से धड़ाधड़ पैसा अन्य खाते में ट्रांसफर करना शुरू कर दिया। उसने महज अठारह मिनट में पांच ट्रांजेक्शंस के जरिए 35 लाख रुपए कंपनी के खाते से पश्चिचम बंगाल स्थित एचडीएफसी (HDFC) और आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक के अन्य खातों में पहुंचा दिए। तब तक न बैंक को कुछ समझ आया न फर्म के मालिक को कुछ मालूम था। जालसाज इतना शातिर है कि उसने अपने काम को अंजाम देने के लिए रविवार शाम का वक्त चुना। उस समय बैंक, बीएसएनल दोनों की छुट्टी होती है। सोमवार सुबह जब बैंक ने कंपनी से पूछा कि कल शाम क्या 35 लाख ट्रांसफर किए तब कंपनी के कर्ताधर्ताओं को पता चला कि उनके खाते से इतनी बड़ी राशि किसी और खाते में पहुंचा दी गई।
वे समझे नेटवर्क खराब है
कंपनी की जो डुप्लीकेट सिम जालसाज ने इंदौर (Indore) आकर आबंटित करवाई वो दरअसल फर्म के ओडी खाते ( OD Account) में नेट बैंकिंग के लिए रजिस्टर्ड है। नई सिम अलॉट होने के बाद पुरानी में (जो कंपनी के फोन में थी) जब नेटवर्क नहीं आया तो कंपनी के मालिक ने इसे तकनीकी समस्या समझा। जब देर तक यही स्थिति बनी रही तो उन्होंने दोस्त के फोन से बीएसएनएल के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल कर नेटवर्क संबंधी समस्या बताई। जवाब में बीएसएनएल जो बताया वह सुन कंपनी मालिक के होश उड़ गए। कस्मटर केयर ने कहा-इस नंबर की नई सिम आबंटित हो चुकी है। हमें बताया गया था कि पुरानी सिम गुम हो गई। दस्तावेज देकर नई सिम ले ली गई। उसके बाद उसे ब्लॉक करवाने की प्रक्रिया हुई लेकिन तब तक जालसाज अपना काम कर चुका था। फिलहाल कंपनी ने बैंक और बीएसएनएल को नोटिस देकर अपने नुकसान की भरपाई मांगी है। मामला पुलिस और सायबर सेल (Cyber) में भी दर्ज हो चुका है।