जबलपुर जिले की सभी ग्राम पंचायतों के खाते में राशि होने के बाद भी वे खर्च करने में पीछे हैं। 15वां वित्त आयोग से जो राशि जिले को मिली वह खर्च नहीं हो पाई। ऐसे में 38 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि चालू वित्तीय वर्ष में समायोजित कर दी गई है। राशि खर्च नहीं होने की मूल वजह पुख्ता कार्ययोजना का नहीं होना है। इसी प्रकार कोरोना और पंचायत चुनाव भी बड़ा कारण है।
जिले की सभी ग्राम पंचायतों के लिए केंद्र सरकार से वित्त आयोग के जरिए साल 2021-22 में 96 करोड़ 43 लाख रुपए टाइड एवं अनटाइड श्रेणी के कार्यों के लिए आया था। इसमें 47 करोड़ रुपए व्यय हुआ। ऐसे में काफी फंड बच गया।
अब इस फंड को चालू वित्तीय वर्ष में समाहित कर दिया गया है। उसमें भी अभी तक 12 करोड़ 60 लाख रुपए खर्च हुआ है। ऐसे में अभी भी काफी राशि बची हुई है। इसे इस वर्ष में खर्च किया जा सकता है।
हाल ही में पंचायत चुनाव हुए हैं, नए सरपंच निर्वाचित हुए हैं। वे पुख्ता कार्ययोजना बनाऐंगे तो उन्हें इस राशि का लाभ मिल सकता है। पंचायतें टाइड और अनटाइड मद में विकास कार्य कर सकती हैं। टाइड मद में केवल पानी और स्वच्छता से जुड़ी योजनाओं पर खर्च किया जा सकता है। तो अनटाइड में किसी भी प्रकार के काम कराने सरपंच और सचिव स्वतंत्र रहते हैं। दोनों मदों में राशि का अनुपात 50ः50 रहता है।
जिला पंचायत के एडीशनल सीईओ मनोज सिंह ने बताया कि पंचायतों के पास पर्याप्त मात्रा में राशि विकास कार्यों के लिए उपलब्ध है। इस साल का बजट भी केंद्र सरकार से आना है। राज्य शासन से इसे जारी कर दिया है। पंचायतें कार्ययोजना देती हैं तो राशि का आवंटन होता है।