चोरी हो गई गैंगरेप की फाइल, केस में मुख्य आरोपी है शराब कारोबारी मोनू भाटिया

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Shivasheesh Tiwari
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चोरी हो गई गैंगरेप की फाइल, केस में मुख्य आरोपी है शराब कारोबारी मोनू भाटिया

Indore. इंदौर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट (Indore District Court) से गैंगरेप (Gang Rape) के एक गंभीर मामले की कोर्ट फाइल चोरी हो जाने का गंभीर मामला सामने आया है। हैरानी की बात ये है कि कोर्ट की सुरक्षा में सेंध लगाकर कोर्ट फाइल चुराने में गैंगरेप केस में आरोपियों की भूमिका सामने आ रही है। चौंकाने वाली ये जानकारी सेशन जज की जांच में पता चली है। इस मामले की जांच रिपोर्ट जिला जज (District Judge) को भेजी गई है। बता दें कि शहर में गैंगरेप का ये वही चर्चित मामला है जिसमें शराब कारोबारी हरपाल सिंह (Harpal Singh) उर्फ मोनू भाटिया (Monu Bhatia) मुख्य आरोपी है। इस मामले की एफआईआर ग्वालटोली थाने (FIR Gwaltoli Police Station) में दर्ज हुई थी। भाटिया का नाम फिशरीज कंपनी (Fisheries Company) के नाम पर धोखाधड़ी करने और डेली कॉलेज मैनेजमेंट से जुड़े विवाद में भी सामने आ चुका है।     



गैंगरेप की फाइल सहित 3 जजों की ऑर्डरशीट भी चुराई



गैंगरेप मामले में पीड़िता के वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे (Advocate Krishna Kumar Kunhare) और ईश्वर कुमार प्रजापति (Ishwar Kumar Prajapati) ने बताया कि इंदौर निवासी पीड़िता के पति सिमरन फिशरीज मुख्यालय भंवरकुआं, इंदौर के अन्य कार्यालय नर्मदा नगर डैम खंडवा में अकाउंटेंट के पद पर पदस्थ था। यहां मछलियों के बीजों को लेकर हेराफेरी कर शासन को लाखों रुपए के राजस्व हानि करने और कई अधिकारियों को रुपए बांटने के सबूतों का लेजर पीड़िता के पति के हाथ लग गया था। इस पर कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने पीड़िता के पति को अपनी ओर शामिल करने का बोला, अन्यथा भ्रष्टाचार के सबूत लौटने को कहा। इसे मना करने पर कंपनी के कर्ताधर्ता ने पीड़िता के पति के विरुद्ध झूठा गबन का केस दर्ज करवा जेल भिजवा दिया था। इसी दौरान कंपनी के कर्ताधर्ता को जब ये पता चला कि पीड़िता का पति जेल जाने से पहले भ्रष्टाचार के सबूत पीड़िता को सौंपकर गया है तो कंपनी के लोग इन सबूतों को पीड़िता से जोरजबरदस्ती से हासिल करना चाहते थे। लेकिन वे नहीं कर पाए तो पीड़िता को खंडवा से इंदौर मधुमिलन चौराहे के पास स्थित होटल सिमरन में लाकर पीड़िता के साथ आरोपी हरपाल सिंह उर्फ मोनू भाटिया, अभिमन्यु तिवारी, इंद्रजीत सिंह और सुग्रीम विश्नोई ने गैंगरेप किया।



थाना छोटी ग्वालटोली में भी गैंगरेप की धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी। इन आरोपियों के विरुद्ध जिला कोर्ट इंदौर में केस भी चल रहा है। इसमें पुलिस विवेचक द्वारा पीड़िता के पास मौजूद भ्रष्टाचार के लेजर जब्त नहीं करने, निष्पक्ष विवेचना नहीं करने, अन्य गंभीर धाराओं का इजाफा नहीं करने, सबूतों को मिटाने से परेशान होकर पीड़िता ने जिला कोर्ट इंदौर में अमन सिंह भूरिया एसीजेएम की कोर्ट में अपने वकील कुन्हारे के माध्यम से अलग से एक याचिका पेश की। इसमें कोर्ट ने आरोपियों के विरुद्ध मछलियों के बीजों की हेराफेरी कर लाखों रुपए की राजस्व हानि कारित करने, घोटाला करने, सबूत मिटाने को लेकर अलग से एक एफआईआर धारा- 420, 467, 471, 120 बी, 201 में दर्ज करने के आदेश थाना छोटी ग्वालटोली को दिया था। इसके विरुद्ध आरोपी ने इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका पेश की थी।



इस तरह हुआ खुलासा



आरोपियों ने जिला कोर्ट इंदौर की गैंग रेप की संपूर्ण न्यायालयीन फाइल को धोखे से चुरा कर उसकी अप्रमाणित फोटो कॉपी बनाकर अर्जी खारिज करने को लेकर हाईकोर्ट में पेश की। इसकी जानकारी हाई कोर्ट से नोटिस के साथ लगे दस्तावेजों से पीड़िता को प्राप्त हुई तो पीड़िता ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, सहित इंदौर हाई कोर्ट में शिकायत याचिका पेश कर आरोपियों की करतूत के बारे में बताया। जिसके बाद जिला न्यायाधीश ने जांच रिपोर्ट में यह पाया कि आरोपीगणों ने न्यायालय से दस्तावेज चुराए और धोखाधड़ी कर उक्त दस्तावेज उच्च न्यायालय के प्रकरण में लगाए हैं। इस मामले की रिपोर्ट बनाकर जिला न्यायाधीश को दी गई है जो आरोपियों पर केस दर्ज करने को लेकर संज्ञान लेंगे। आरोपियों ने इस मामले में तथ्यों से छेड़छाड़ करने के लिए सर्टिफाइड कॉपी लिए बिना ही फाइल को बाहर ले जाकर उसकी फोटो कॉपी कराने के बाद उसे गायब कर दिया था।




 


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