Hindi News Elections Politics TheSootr MP CG Exit Poll 2023

वोट दीजिए - नोट लीजिए TheSootr.com

theSootrLogo
searchExpanded
theSootrLogo

जबलपुर में कठौंदा प्लांट में आ रहा 3 राज्यों से कचरा, शहर में लगा हुआ है कचरे का पहाड़, कचरे के ट्रांसपोर्टेशन की नाकामी

जबलपुर का वेस्ट टू एनर्जी प्लांट दिया तले अंधेरा

undefined
Sootr
जबलपुर का वेस्ट टू एनर्जी प्लांट दिया तले अंधेरा जबलपुर में कठौंदा प्लांट में आ रहा 3 राज्यों से कचरा, शहर में लगा हुआ है कचरे का पहाड़, कचरे के ट्रांसपोर्टेशन की नाकामी
10/26/22, 2:24 PM (अपडेटेड 10/26/22, 7:54 PM)

Jabalpur. दीपावली के दौरान जबलपुर की सफाई व्यवस्था अस्त-व्यस्त नजर आई। रानीताल में लाखों टन कचरे का पहाड़ बीते कई सालों से जस का तस हाल में है। उधर कठौंदा स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ, अहमदाबाद, सूरत, रायपुर और जगदलपुर के साथ-साथ कई शहरों का कचरा जलाकर बिजली बनाई जा रही है। जिन शहरों का बायोमाइनिंग वेस्ट यहां लाया जा रहा है। उनमें भोपाल, कटनी से लेकर प्रदेश के भी कई शहर शामिल हैं। प्लांट में 4 राज्य और 20 से ज्यादा शहरों का कचरा जलाकर बिजली बनाई जा रही है। 


वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का संचालन सालभर होता है। प्लांट को नगर निगम सीमा समेत आसपास से क्षमता के मुकाबले 50 फीसद कचरा ही मिल पाता है। 50 फीसद कचरा दूसरे राज्यों के महानगरों से मंगाया जा रहा है। नगर निगम के 79 वार्डों से औसतन साढ़े 4 सौ टन के करीब कचरा ही कठौंदा प्लांट को उपलब्ध हो पा रहा है। दीपावली पर नगर निगम अधिकतम 5 सौ टन कचरा ही प्लांट को उपलब्ध करा पा रहा है। कचरा परिवहन सिस्टम में निगरानी व्यवस्था सही नहीं होने के कारण पूरा कचरा प्लांट तक नहीं पहुंच पा रहा है। 


रानीताल में 4 दशक से ज्यादा समय से लाखों टन कचरा डंप था। पिछले वर्ष कचरे के बड़े हिस्से को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत प्रोसेसिंग कर उसे वेस्ट टू एनर्जी प्लांट पहुंचाया गया। जितना कचरा प्रोसेस हुआ उससे ज्यादा कचरे का पहाड़ अभी भी रानीताल में लगा हुआ है। नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि नगर में कुछ चुनिंदा कलेक्शन प्वाइंट बनाकर कचरा का कलेक्शन वहीं किया जाए। जगह-जगह डंपिंग न हो, जिससे प्रतिदिन निकलने वाले पूरे कचरे का निपटारा हो सकेगा। 


यह है स्थिति


वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की क्षमता 600 टन कचरे को प्रोसेस करने की ही। गीला और सूखा कचरा मिश्रित होने के कारण 8 सौ टन कचरा रोज जलाया जाता है। जबकि शहर से 490 से 525 टन कचरा ही मिल पाता है। प्लांट 12.5 मेगावाट बिजली प्रतिघंटे बना रहा है। जिसमें से 11.5 मेगावाट प्रतिघंटा सप्लाई भी हो रही है। 

 


द-सूत्र के वॉट्सएप चैनल से जुड़ें
theSootr whatsapp channel
द-सूत्र के वॉट्सएप ग्रुप से जुड़ें
द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें
thesootr androidthesootr ios
Garbage from 3 states is coming to Kathonda plant in Jabalpur the city has a mountain of garbage the failure of transportation of waste Jabalpur News जबलपुर में कठौंदा प्लांट में आ रहा 3 राज्यों से कचरा शहर में लगा हुआ है कचरे का पहाड़ कचरे के ट्रांसपोर्टेशन की नाकामी जबलपुर न्यूज़
ताजा खबर

वोट दीजिए- नोट लीजिए

mp exit poll thesootr.com