भोपाल. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना का संकट (Corona crisis) बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में रोज कोरोना संक्रमितों (Corona infected) की संख्या बढ़ रही है। 24 दिसंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कोरोना संकट पर समीक्षा बैठक (review meeting) की है। यह समीक्षा मीटिंग मंत्रालय (Ministry) में की गई। बैठक में सभी मंत्रियों, सभी संभागों के कमिश्नर, आईजी, जिला कलेक्टर, एसपी, जिलों के प्रभारी अधिकारियों को बुलाया गया था। कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए 23 दिसंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश वासियों को संबोधित भी किया था। इस संबोधन में उन्होंने नाइट कर्फ्यू (Night curfew) का ऐलान किया था। इसके पहले स्कूलों को पुनः 50 प्रतिशत क्षमा से खोला जाने लगा है।
जागरूकता अभियान चलाएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि सभी जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ मीटिंग की जाए। इन मीटिंगों में प्रभारी मंत्री भी उपस्थित रहें। मीटिंग में जनसहभागिता को सुनिश्चित किया जाए। इन मीटिंगों में डॉक्टर और समाजसेवी को बुलाएं। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए भी जागरूकता अभियान चलाएं। भीड़ वाले इलाकों में रोको-टोको अभियान तत्काल शुरू किए जाएं। मास्क न लगाने वालों पर सख्ती से पेश आएं।
गरीब का धंधा न रुके- शिवराज
मुख्यमंत्री ने मीटिंग में कहा कि हमार प्रयास यह होना चाहिए कि आर्थिक गतिविधियां स्लो न हो। गरीब का धंधा न रुके। यदि तीसरी लहर आती है तो इसका डटकर सामना करना हैं। समस्त सरकारी एवं निजी अस्पतालों में व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखें। बेड, ऑक्सीजन, चिकित्सक एवं दवाओं का पर्याप्त इंतजाम हो, यह सुनिश्चित करें। कोविड की दूसरी लहर के दौरान जितने निजी-सरकारी सेंटर बनाये गये थे। उन्हें दोबारा सुचारू करें।
ओमिक्रॉन वैरिएंट को रोकना है
शिवराज ने मीटिंग में कहा दवाओं और उपकरण आदि का कम से कम एक महीने का स्टॉक तो अवश्य रखें। हमें प्राथमिकता के आधार पर रोक-थाम के उपाय करने होंगे। अमेरिका, यूके और डेनमार्क में ओमिक्रॉन वैरिएंट की स्थितियां सामने हैं, जो बताती हैं कि ये तेजी से बढ़ता है। इसे देखते हुए हमें तैयारी रखना है। आज मध्यप्रदेश के 8 जिलों में कोरोना केस आए हैं।
शिवराज ने कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए हमें जांच की संख्या बढ़ाना है। पीड़ित व्यक्ति के कम से कम 30 कांटेक्ट ट्रेसिंग अवश्य करना है। अस्पताल, दवाई, उपकरण, ऑक्सीजन की व्यवस्थाएं दुरुस्त रखें।
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