DEWAS. आज शिक्षक दिवस है। गुरु के प्रति सम्मान और समर्पण का यह पर्व कई सदियों से चला आ रहा है। हमारे देश में समय-समय पर शिक्षकों ने अपने शिष्यों की खुशी के लिए अनुकरणीय उदाहरण पेश किए हैं कुछ ऐसी ही नजीर पेश की है देवास जिले के आगरोद संकुल के ग्राम विजेपुर के सरकारी स्कूल में किशोर कनासे प्रिंसिपल ने। दरअसल उनके स्कूल के बच्चे कभी हवाई जहाज में नहीं बैठे थे और उन्होंने अपनी इच्छा अपने शिक्षक कनासे को बताई, जो बच्चे कभी ट्रेन में नहीं बैठे थे और उन्हें प्लेन में बैठने का मौका मिल गया। वास्तव में इन बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जिन्होंने कभी ट्रेन की यात्रा नहीं की ऐसे में उनके लिए टीचर्स डे पर एक बड़ा गिफ्ट है।
70 हजार खर्च कर कराई हवाई यात्रा
देवास के शिक्षक कनासे ने खुद के खर्च पर अपने स्कूल के 19 बच्चों को प्लेन में सफर कराया। गांव में रहने वाले कई बच्चे ट्रेन में कभी नहीं बैठे थे और न कभी प्लेन में यात्रा की थी। बच्चों ने ये बात अपने टीचर को बताई और हवाई यात्रा करने की इच्छा जताई। शिक्षक ने बच्चों की इच्छा को पूरा करने के लिए 70 हजार रुपए खर्च किए और बच्चों को इंदौर से दिल्ली की यात्रा करवाई। उन्हें लाल किला, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, मुगल गार्डन और लोटस मंदिर घुमाया। ये बच्चे क्लास 6 से लेकर 8th तक के थे।
पहली बार आगरा ले गए थे
किशोर कनासे साल 2019 में विजेपुर के सरकारी के बच्चों को पहली बार आगरा घुमाने ले गए थे, तब वापसी में बच्चों ने कहा कि उन्हें अब प्लेन में घूमना है, कभी प्लेन में भी ले चलिए। बच्चों की इच्छा का ख्याल रखते हुए उन्होंने भी बच्चों की इच्छा पूरी कर दी। इसके बाद बच्चों ने कोरोना काल से पहले 2019 में दिल्ली घुमाने की प्लानिंग की। स्कूल के 19 बच्चों को इंदौर से दिल्ली तक हवाई यात्रा करवा दी। ये बच्चे क्लास 6 से लेकर 8th तक के थे। बच्चों की खुशी के लिए 70 हजार रुपए अपनी जेब से खर्च किए। इससे पहले उनके पेरेंट्स से भी परमिशन ली।
जहां ज्ञान मिले, वहां ले गए
विजेपुर के शासकीय माध्यमिक स्कूल में अभी कुल 35 बच्चे पढ़ते हैं। 2013 से यहां कनासे बच्चों को उदयपुर, आगरा, फतेहगढ़, चित्तौड़गढ़ जैसी ऐतिहासिक जगहों पर ट्रेन के जरिए ले जा चुके हैं। इसकी वजह बताते हुए प्रिंसिपल कनासे कहते हैं कि जहां ज्ञान मिलता है, वहां बच्चों को ले जाते हैं। स्कूल की छात्रा रहीं नीलम सोलंकी ने बताया कि सर हमें दिल्ली प्लेन से लेकर गए थे। चार दिन की ट्रिप में कई जगह घुमाया था। निकिता कारपेंटर ने कहा कि वे दो साल पहले इस स्कूल में पढ़ती थी। तब बहुत इच्छा थी कि प्लेन से घूमने जाएं। वैसे तो ट्रेन और बसों में बैठे थे, लेकिन प्लेन में बैठने का अलग ही एक्सपीरिएंस था।
स्कूल को मिल चुका है राज्य स्तरीय सम्मान
स्वच्छ विद्यालय स्पर्धा में शासकीय माध्यमिक विद्यालय विजेपुर को जिला और राज्य स्तर पर सम्मान भी मिल चुका है। स्कूल में बच्चों के पीने के पानी के लिए आरओ फैसिलिटी भी है।