राहुल शर्मा, Bhopal. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream Project) है गंगा को साफ करना पवित्र करना। लेकिन गंगा साफ हो ही नहीं सकती, जब तक भोपाल नगर निगम (Municipal Corporation) के अधिकारियों का रवैया गैरजिम्मेदार रहेगा। भोपाल से निकलने वाले कचरे से गंगा को मैली और दूषित (Dusit) करने की कोशिश की जा रही है। गंगा को मैली करने की साजिश हो रही है, भोपाल की आदमपुर छावनी (Adampur Cantonment) में स्थित डंपिंग यार्ड यानी खंती से। क्योंकि यहां जो शहर भर का कचरा पहुंच रहा है, उसमें केवल 60 से 70 फीसदी कचरे की प्रोसेसिंग हो रही है बाकी कचरा नदी और नालों के किनारे फेंका जा रहा है।
भोपाल के कचरे का गंगा कनेक्शन
आदमपुर छावनी में भोपाल शहर का कचरा डंप किया जाता है। कायदे से जब इस आदमपुर खंती में चार साल पहले भानपुर से कचरा डंप करने की शुरूआत हुई थी। तब दावा किया गया था कि कचरे की पूरी प्रोसेसिंग की जाएगी। सूखे कचरे से बिजली बनाई जाएगी। गीले कचरे से खाद बनाया जाएगा। लेकिन हो क्या रहा है, इसका खुलासा द सूत्र के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ। पहले तो आपको बता दें कि राजधानी से हर रोज एक हजार टन कचरा आदमपुर खंती पहुंचता है। यहां जो प्रोसेसिंग प्लांट लगे हैं, वो केवल 600 से 700 टन कचरे की ही प्रोसेसिंग कर पा रहे हैं। बाकी का बचा हुआ 300 से 400 टन कचरा पहाड़ों में तब्दील हो रहा है। अब इस कचरे का निपटान सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट करने वाली कंपनी मेसर्स ग्रीन रिसोर्स (Green Resource) कैसे कर रही है ये आपको बताएंगे। पहले तो बताते हैं कि क्या है आदमपुर खंती का गंगा कनेक्शन। दरअसल आदमपुर खंती की डाउन स्ट्रीम यानी उतार वाले हिस्से में करीब 1 किमी से अधिक दूरी पर अजनाल नदी है। अजनाल नदी, बेतवा नदी की सहायक नदी है। बेतवा, यमुना नदी की और यमुना नदी, गंगा नदी की सहायक नदी है। यानी अजनाल नदी प्रदूषित होगी तो इसका सीधा असर गंगा के पानी पर पड़ेगा। पर्यावरणविद सुभाष पांडे कहते हैं कि यह बहुत खतरनाक है, इस कचरे से भी गंगा मैली हो रही है।
अजनाल नदी में फेंका जा रहा कचरा
एक हफ्ते पहले तक कचरे का निपटान करने वाली ग्रीन रिसोर्स कंपनी अजनाल नदी में ही आदमपुर छावनी का कचरा डंप कर रही थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शिकायत के बाद इसकी जांच की और नगरनिगम को नोटिस थमाया तो नदी के पास कचरा डंप करना बंद हो गया। अब कंपनी क्या कर रही है, इसका खुलासा द सूत्र के स्टिंग ऑपरेशन से हुआ है। लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रही है कंपनी और नगर निगम के अधिकारी आंखें बंद किए बैठे हैं। द सूत्र की टीम जब अजनाल नदी के पास पहुंची तो यहां नदी के कैचमेंट एरिया में जगह-जगह कचरे के ढेर नजर आए। यानी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट करने वाली कंपनी ग्रीन रिसोर्स पिछले चार साल से यहां वहां कचरा फेंक रही है। उसी में से एक अजनाल नदी है, यहां पता नहीं कितना कचरा डंप कर दिया गया है। ये यहां फैले कचरे से साफ समझ आता है। नदी के कैचमेंट इलाके में लगातार कचरा डंप करने की शिकायत कुछ दिनों पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को की गई थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने अजनाल नदी का दौरा किया और शिकायत सही पाई गई। इसके बाद नगर निगम को नोटिस थमाया गया।
नगर निगम ने लगाई कंपनी पर पेनाल्टी
नगर निगम को नोटिस मिला तो नगर निगम ने कंपनी पर पेनाल्टी लगा दी। जब कंपनी पर पेनाल्टी लगी तो कंपनी ने अजनाल नदी के पास कचरा डंप करना बंद कर दिया। लेकिन नई जगह खोज ली। ये नई जगह कहां है, इसका पता लगाने के लिए द सूत्र की टीम आदमपुर खंती पहुंची तो यहां जेसीबी से डंपरो में कचरा लोड किया जा रहा था। जब खंती में ही कचरे का निपटान होना है तो फिर डंपरों में कचरा क्यों भरा जा रहा है, ये सबसे बड़ा सवाल था। एक डंपर खंती से कचरा भरकर बाहर निकला तो द सूत्र की टीम ने इस डंपर का पीछा किया। हालांकि खंती से एक किलोमीटर आगे जाने पर डंपर चालक को कुछ शक हुआ तो वो वापस खंती की तरफ मुड़ गया। डेढ़ घंटे बाद एक और डंपर आया तो फिर द सूत्र की टीम ने इसका पीछा किया। ये डंपर खंती से करीब 6 से 7 किमी दूर रायसेन रोड पर सेहतगंज के पास टेड़िया नाले के पास मुड़ गया। डंपर यहां जैसे ही पहुंचा पहले से मौजूद पोकलेन मशीन ने कचरे को फैला दिया। आधे घंटे के भीतर यहां एक के बाद चार डंपर पहुंचे और कचरा डंप करके चले गए। जब द सूत्र की टीम ने खुफिया कैमरे का इस्तेमाल कर ग्रीन रिसोर्स कंपनी के कर्मचारी माखनलाल से पूछा कि कचरा खंती के बजाए नाले के पास डंप क्यों हो रहा तो माखनलाल ने कहा कि हम कचरा कहीं डंप नहीं कर रहे हैं।
यानी कर्मचारी मुकर गया कि ऐसा कुछ हो रहा है लेकिन तस्वीरें तो झूठ नहीं बोलती। जिस टेड़िया नाले के पास कचरा डंप हो रहा है, वहां मौजूद ग्रामीणों से द सूत्र ने पूछा कि कब से डंपर यहां पहुंच रहे हैं तो गांववालों ने बताया कि कुछ दिनों से रोजाना कचरा भरकर ये डंपर यहां से निकल रहे हैं।
नगर निगम फिर करेगा कार्रवाई
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोटिस और नगर निगम की पेनाल्टी लगने के बाद कंपनी ने नई जगह खोज ली है। टेड़िया नाला सेहतगंज गांव से महज आधा किमी दूर है। यानी बारिश में जब नाले में पानी भरेगा और इसमें कचरा मिक्स होगा तो नाले का प्रदूषित पानी सेहतगंज गांव के लोगों की सेहत खराब करेगा। इसमें कोई शक नहीं है। हैरानी की बात ये है कि जिम्मेदारों को इसबारे में कुछ भी पता नहीं है। नगर निगम कमिश्नर बीएस चौधरी कहते हैं कंपनी को नोटिस दिया जाएगा और पेनाल्टी लगाई जाएगी।