Bhopal. भोपाल की ग्रीनरी को खत्म करने में माननीय भी कुछ कम पीछे नहीं है। राजधानी की हरियाली के दुश्मनी जितने बिल्डर और रसूखदार हैं, उतने ही ये माननीय भी है। राजधानी भोपाल में माननीय का मुख्य ठिकाना चार ईमली क्षेत्र है। यही सरकार रहती है...मतलब मुख्यमंत्री को छोड़ दें तो अधिकतर मंत्री—विधायक और कुछ सांसदों के सरकारी आवास यही है। इसके अलावा चार ईमली क्षेत्र में ही आईएएस—आईपीएस के बंगले के अलावा अन्य अधिकारियों के भी सरकारी आवास है। भोपाल की ग्रीनरी खत्म करने में 4 ईमली क्षेत्र भी पीछे नहीं है। इन्हीं माननीयों के बंगलों के सामने ग्रीनरी खत्म कर अतिक्रमण हुआ, पर क्या मजाल की कोई कार्रवाई हो जाए, कार्रवाई तो छोड़िए सीपीए ने जो अतिक्रमणकारियों की सूची तैयार की, उसमें से 4 इमली क्षेत्र ही गायब है, मतलब चार इमली में न तो कोई पेड़ कटा...न ही अतिक्रमण हुआ। जबकि द सूत्र की पड़ताल में जो खुलासा हुआ वो बेहद चौकाने वाला है। इधर पर्यावरणविद राशिद नूर खान का कहना है कि 4 ईमली में सरकार बसती है, नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन करने वाले अधिकारी रहते हैं, ऐसे में किसी में इतनी हिम्मत नहीं कि इनके कारनामों को सरकारी कागजों में लेकर आ सके।
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कमल पटेल, बिसाहूलाल, नर्मदा प्रजापति के बंगले के सामने बना दी पार्किंग
4 ईमली में ही बी—10 कृषि मंत्री कमल पटेल और बी—11 खाद्य एवं नागरिक आपूर्ती मंत्री बिसाहूलाल सिंह का बंगला है। इसी से सटे बी—9 बंगले में कांग्रेस विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदाप्रसाद प्रजापति का भी बंगला है। इन बंगलों के सामने का ग्रीनरी के पोर्च को कम कर दिया है, ताकि यहां गाड़ी खड़ी हो सके। कुल मिलाकर ग्रीनरी पर अतिक्रमण कर पेबल ब्लॉक लगाकर पार्किंग बना दी गई है। हालांकि यह अतिक्रमण पुराने बताए जा रहे हैं। पर स्थिति को सुधारने वर्तमान माननीयों ने भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
गृहमंत्री और पंचायत मंत्री के बंगले के सामने रख दिए अस्थायी शौचालय
4 ईमली में बी—5 पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और बी—6 गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बंगला है। बंगले के ठीक सामने जहां पेड़ होने चाहिए वहां पार्किंग के लिए जगह को समतल कर दिया है, ताकि इन माननीयों से मिलने आने वालों की गाड़ी यहां पार्क हो सके। जिस जगह पेड़ होना चाहिए थे, वहां अस्थायी शौचालय बना दिए गए हैं। माननीयों के बंगलों पर आने वाले लोग इनका उपयोग करते हैं। अमूमन 4 ईमली इलाके में जगह—जगह इस तरह की तस्वीरें देखने को मिल जाती है। हालांकि इनमें से कुछ की स्थिति बहुत पहले से ऐसी ही है।
जहां होने थे पेड़, वहां उगाई जा रही सब्जी, थोपे जा रहे कंडे
द सूत्र की पड़ताल में सामने आया कि 4 ईमली में ही ग्रीनरी को हटाकर एक गौशाला बना दी गई। वहीं ई—9एच/1 माहिप तेजस्वी और इससे ही सटे हुए सेमरिया जिला रीवा विधायक केपी त्रिपाठी का बंगला है। इन बंगलों के सामने पेड़ों को काटकर सब्जी उगाई जा रही है। कंडे थोपे जा रहे हैं और एक अस्थायी शेड बना दिया है, जिसमें कबाड़ सामान पड़ा हुआ है। यहीं आसपास के इलाकों में जगह—जगह पेड़ों को काटकर पैदल चलने के लिए पेबल ब्लॉक लगा दिए गए हैं।
नगर निगम के अपर आयुक्त के बंगले के सामने ही अतिक्रमण
4 ईमली क्षेत्र में ही ई—9एच/1 के ठीक सामने रोड के दूसरे साइड नगर निगम के अपर आयुक्त का बंगला है। बंगले के सामने पेड़ लगाने के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट गड्ढे खुदवा रहा है, पर जिस जगह यह पूरी कवायद चल रही है, वहां अतिक्रमण है। यहां भी गाड़ियों का खड़ा करने के लिए ग्रीनरी का पोर्च कम कर पेबल ब्लॉक लगा दिए हैं। नगर निगम के अपर आयुक्त खुद के बंगले के सामने हुए इस अतिक्रमण को न तो रोक पाए और न ही जब पेड़ लगाने की कवायद शुरू हुई तो इस अतिक्रमण को हटवा सके, उल्टा द सूत्र के कैमरे को देखकर अपर आयुक्त के ड्राइवर ने वहां से गाड़ी हटाकर बंगले के सामने जरूर खड़ी कर दी।
तापमान में 8 से 9 प्रतिशत का हो चुका है इजाफा
माननीयों के पावर के चलते भले ही उन पर कार्रवाई न हो। भले ही वह आंखे मूंदे बैठे रहें, पर इन सबसे जो भोपाल को नुकसान हो चुका है, उसकी अब भरपाई कैसे होगी, यह सवाल खड़ा होना लाजमी है। रिसर्च बताती है कि भोपाल के तापमान में पिछले 10 साल में 8 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी ही है। साइंटिस्ट सुभाष सी पांडे ने भी इस संबंध में 2019 में एक रिसर्च की। जिसमें बीते 10 सालों में भोपाल के शहरीकरण और अतिक्रमण के नाम पर 5 लाख पेड़ काटे गए। इससे तापमान में 9 प्रतिशत का इजाफा हुआ। सुभाष सी पांडे ने बताया कि भेल और एकांत पार्क के पास पेड़ों की छाया है और राजधानी के अन्य इलाके जहां पेड़ नहीं हैं, वहां के तापमान में अंतर 2 से 4 डिग्री तक होता है।