अफसरों को हो रहा है खास होने का अहम, सरकार की चाकरी के अलावा नहीं बचा काम, जनता में इमेज बनाने अपनी हद से बाहर निकल रहे हैं नेता 

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Arun Dixit
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अफसरों को हो रहा है खास होने का अहम, सरकार की चाकरी के अलावा नहीं बचा काम, जनता में इमेज बनाने अपनी हद से बाहर निकल रहे हैं नेता 

Bhopal. विधायक रामबाई और दमोह कलेक्टर के बीच हुए विवाद ने एक बार फिर ये बहस छेड़ दी है कि आखिर लोकतंत्र के दो पाए विधायिका और कार्यपालिका में इनती तनातनी क्यों हो रही है। इस विवाद में नेता हों या जनप्रतिनिधि दोनों अपना आपा खोकर भाषा की मर्यादा को तार—तार कर रहे हैं। पूर्व प्रशासनिक अधिकारी मानते हैं ​कि इस तरह की घटनाएं किसी भी लिहाज से उचित नहीं कही जा सकती। संयम की कमी और अहम के भाव ने इन लोकसेवकों को अपनी हद से बाहर कर दिया है। 



प्रदेश में नेता-अफसरों में हुए प्रमुख विवाद 




  •  दमोह जिले के पथरिया विधानसभा से विधायक रामबाई सिंह परिहार ने दमोह कलेक्टर एस कृष्ण चेतन्य को सबके सामने कहा-आंखें फूट गई क्या, कलेक्टर हो कि ढोर। उन्होंने कलेक्टर के लिए बेवकूफ और बदतमीज जैसे शब्दों का प्रयोग भी किया। कलेक्टर ने विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। 


  • सागर में बीजेपी जिला उपाध्यक्ष नवीन भट्‌ट का पुलिस से विवाद काफी सुर्खियों में रहा। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। जिसमें वे यह कहते हुए पुलिस को धमका रहे हैं नवीन भट्‌ट कौन है ये पता है कि नहीं, नवीन भट्‌ट मतलब भूपेंद्र सिंह का हाथ है बड़े अधिकारियों से पूछना। दरअसल पूरा मामला यातायात पुलिस द्वारा चालानी कार्रवाई से जुड़ा है। पुलिस ने बगैर लाइसेंस के बाइक चलाते हुए नाबालिग को पकड़ा। बाइक भाजपा नेता के परिजन की थी। जिसके बाद भाजपा नेता थाने पहुंचे और जमकर बवाल किया।

  •  ग्वालियर में बीजेपी नेता और सिंधिया समर्थक की जिले के कलेक्टर के साथ भिड़ंत हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि बीजेपी नेता विक्कू राजावत ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को धमकी दे डाली कि कलेक्टर गलतफहमी में मत रहना। इस मामले में पुलिस ने बीजेपी नेता विक्कू राजावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। 

  •  डिंडौरी में मीटिंग में वाहन पार्किंग को लेकर भाजपा नेता सुनील जैन और एडीएम रमेश कुमार सिंह के बीच विवाद हो गया। इस दौरान एडीएम ने भाजपा नेता को धक्का दे दिया। सरकार ने एडीएम को अभद्रता का दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया। 

  •  कमलनाथ सरकार में कलेक्टर के थप्पड़ मारने का विवाद बहुत चर्चा में रहा। 19 जनवरी 2020 को राजगढ़ जिले के ब्यावरा में सीएए के समर्थन में बीजेपी नेताओं ने रैली निकाली। नेताओं और अफसरों में विवाद इतना बढ़ा कि तत्कालीन कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने बीजेपी नेताओं को थप्पड़ जड़ दिए। यह मामला प्रशासनिक गलियारों में खूब गूंजा। 



  • अफसरों के अहम से हो रहे विवाद  



    पूर्व आईएएस अधिकारी हीरालाल त्रिवेदी कहते हैं कि अधिकारी अहम में रहते हैं। लोगों से मिलते नहीं हैं। जनप्रतिनिधियों को मिलने का समय नहीं देते। उनकी बातों पर रिस्पांस नहीं दिया जाता। यही कारण है कि नेताओं और अफसरों में विवाद हो जाता है। जनता के सामने नेता अपना आपा खो देते हैं और उनमें सब्र नहीं रहता। अफसरों को सरकार के चाकर बनकर काम नहीं करना चाहिए और सबको बराबर समय देना चाहिए। कम्युनिकेशन गैप ही इन विवादों की जड़ है। 



    अपनी हद में रहें नेता और अफसर 



    पूर्व आईपीएस आरएलएस यादव कहते हैं कि नेता और अफसर अपनी हद से बाहर निकलकर मार्यादा लांघ रहे हैं। दोनों की काम करने की लिमिट तय है। ऐसे मौकों पर अफसरों को संयम रखना पड़ेगा। किसी की प्रतिष्ठा पर प्रहार न करें। नेता अक्सर जनता की शिकायत लेकर ही आते हैं। अधिकारियों को यदि नेताओं से कोई आपत्ति है तो शिकायत के बहुत से फोरम हैं उन पर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं लेकिन मौके पर उनको शालीनता बरतनी चाहिए।


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