/sootr/media/post_banners/a24940ae0dbea78f8c1225a6cf269b7f4f64adfe8c1f2adae749bc2788a3300f.jpeg)
guna. एमपी के गुना (guna) जिले की सुनगयाई (sunagayaee) ग्राम पंचायत समरस पंचायत बनी है। सरपंच पद के लिए महिला उम्मीदवार का निर्वाचन निर्विरोध (unopposed) तरीके से किया गया। सरपंच बनी महिला चंबल के कुख्यात डकैत रहे मलखान सिंह (Malkhan Singh) की पत्नी ललिता राजपूत (Lalita Rajput) हैं। सरपंच और सभी 12 पंच महिलाएं हैं। मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने समरस पंचायतों को 15 लाख देने की घोषणा की थी।
गांव का विकास मेरी प्राथमिकता: मलखान सिंह
इस बारे में बात करते हुए मलखान सिंह ने बताया कि आरोन तहसील के सुनगयाई गांव में 80 के दशक में आत्मसमर्पण (Surrender) के बाद सरकार ने खेती करने के लिए जमीन दी थी। 30 साल पहले खुद भी इसी पंचायत से सरपंच बना। सुनगयाई गांव का विकास हमेशा से मेरी प्राथमिकता है। भविष्य में भी विधानसभा क्षेत्र से ज्यादा विकास उनकी पंचायत में देखने को मिलेगा। प्रदेश सरकार की नीति है कि यदि किसी पंचायत में निर्विरोध चुनाव संपन्न होता है, तो उस पंचायत को 15 लाख रुपए की राशि बतौर इनाम में दी जाएगी। ग्राम पंचायत सुनगयाई में सरपंच और पंच सभी पद महिलाओं के खाते में हैं, इसलिए यहां भी 15 लाख रुपए की धनराशि मिलेगी।
मलखान सिंह कौन हैं
गौरतलब है कि चंबल के बीहड़ में 80 के दशक में डाकू मलखान सिंह का बोलबाला था। 80 के दशक में लगभग एक लाख के इनामी मलखान सिंह पर एक सैकड़ा से अधिक हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण, लूट के मामले दर्ज हुए। 1982 में मलखान सिंह और उनकी गैंग ने आत्मसमर्पण कर दिया। मलखान सिंह 6 साल तक जेल में रहे और 1989 में सभी मामलों में बरी करके रिहा कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद मलखान सिंह राजनीति में सक्रिय हो गए और वे लगातार सरकार के खिलाफ और नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं।