अब भी कई सवाल-शिकारी 8 से ज्यादा थे, 3 हिरणों का धड़ गायब, 2 का सरेंडर कैसे?

author-image
Naveen Modi
एडिट
New Update
अब भी कई सवाल-शिकारी 8 से ज्यादा थे, 3 हिरणों का धड़ गायब, 2 का सरेंडर कैसे?

नवीन मोदी, Guna. यहां के आरोन में 14 मई को शिकारियों के साथ मुठभेड़ में 3 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। आरोपी काले हिरणों और मोर का शिकार करके ले जा रहे थे। 3 पुलिसकर्मियों की शहादत के बदले 3 शिकारियों के मुठभेड़ (Encounter) में मार गिराने, 5 को अरेस्ट करने और 2 के आत्मसमर्पण (Surrender) के बाद भी आज भी एक सवाल जस का तस है कि 3 काले हिरणों के धड़ आखिर कहां गायब हो गए?





एनकाउंटर की जगह पुलिस को ये मिला





14 मई को मुठभेड़ स्थल पर पहुंची पुलिस को तीनों शहीद पुलिसकर्मियों के पार्थिव के अलावा शिकार करके लाए गए 4 हिरणों के सिर, 1 बिना सिर का धड़, 1 सिर लगा हुए हिरण का शव और 1 मोर मरे मिले थे। 3 काले हिरणों के धड़ नहीं थे। आस-पास तमाम तलाशी और कोशिशों के बाद भी तीन हिरणों के धड़ नहीं मिले और वन विभाग की स्थानीय टीम भी खाली हाथ रही।





इतना ही नहीं, नर्मदापुरम और सागर से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जवान और खोजी डॉग स्क्वॉड बुलाए गए। जमीन में गाड़े गए जानवर को भी सूंघकर जगह बता देने वाले एक्सपर्ट डॉग गैलीलियो और टीना भी जंगल में जगह-जगह सूंघते रहे, लेकिन धड़ नहीं मिलने पर वो भी हार मान गए। लिहाजा ये रहस्य गहरा गया है कि आखिर वो 3 धड़ कौन ले गया? शिकार किस जगह किया गया था? शिकार के बाद वन्य प्राणियों को कहां जिवा (धारदार हथियार से गर्दन हलाल करना) किया गया था?





यहां हुआ था एनकाउंटर





दरअसल, एफआईआर के मुताबिक, मुठभेड़ का घटनास्थल ग्राम फतेहपुर तिराहा (सगाबरखेड़ा रोड) है। जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ में शहीद एसआई राजकुमार जाटव को अपने सीनियर से इन्फॉर्मेशन मिली कि कुछ बदमाश हिरणों का शिकार करके मोटरसाइकिलों पर रखकर सगाबरखेड़ा होते हुए फतेहपुर के जंगल तरफ जा सकते हैं। एफआईआर से भी जाहिर होता है कि शिकार फतेहपुर जंगल इलाके के आसपास हुआ। लेकिन सवाल ये है कि क्या बदमाशों की क्या संख्या 8 से भी ज्यादा थी और क्या बाकी बदमाश मुठभेड़ स्थल से या पहले ही हिरणों के धड़ समेत भाग निकले।





अभी भी कई सवाल बाकी





मुठभेड़ में सीधे शामिल बताए जा रहे 3 शिकारियों में शामिल नौशाद किसकी गोली से मरा, यह किसी भी एफआईआर में स्पष्ट नहीं है। शहजाद और जहीर को पुलिस एनकांउटर कर चुकी है। बाकी 5 को भी शिकार में शामिल होने का दावा कर जिंदा पकड़ लिया है। 



शिकारी नौशाद का शव और पुलिस की इंसास राइफल छुपाने के 2 आरोपियों को भी जिंदा पकड़ लिया है। आरोपियों का रिमांड लेकर पूछताछ भी की जा चुकी है।





इसके बावजूद मुठभेड़ का इस रहस्य का पर्दाफाश नहीं हो सका कि शिकार किए गए 3 काले हिरणों के धड़ों को जमीन खा गई या फिर आसमान निगल गया। क्योंकि यदि पकड़े गए आरोपी भी शिकार में शामिल थे तो कम से कम उन्हें तो इस बात का पता होगा ही कि बाकी के तीन धड़ कहां हैं। इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी भी सामने नहीं आई है। 





लोगों की अपनी-अपनी राय





लोगों में चर्चा है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि शिकारियों की संख्या ही 8 से ज्यादा रही हो और बाकी के शिकारी मुठभेड़ स्थल से पहले ही किसी और रास्ते से हिरणों के 3 धड़ समेत भाग गए हों। चर्चा ये भी है कि गुना, अशोकनगर, सिरोंज और आसपास के दर्जनों संदिग्ध और शिकारी भी अपने ठिकानों से गोल हैं। 3 धड़ों और उनके गायब होने की सच्चाई से पर्दा उठेगा या नहीं, इसका सभी को इंतजार है।





कानून के जानकारों को चौंकाने वाला है सरेंडर





3 पुलिसवालों के हत्त्याकांड में शामिल शिकारियों को पुलिस ने पकड़ने के लिए तमाम उपाय किये थे, जिसके तहत 12 से ज्यादा संदिग्धों को रातोंरात उठाया गया, इसी कड़ी में मुठभेड़ में दो ढेर भी हुए। वहीं, पुलिस ने अन्य लोगों को भी मामले में शामिल होने के शक में पकड़ा। इसी बीच दो फरार आरोपियो ने एनकांउटर से बचने के लिए गुना के कोर्ट में अचानक सरेंडर कर देने से कानून के जानकारों में इस बात की चर्चा छिड़ गई है कि इसमें साजिशकर्ताओं की साजिश हो सकती है।





कानून के जानकारों ने नाम सामने ना आने की शर्त पर बताया कि जिस दिन सरेंडर हुआ, उस दिन आरोन (राधौगढ़) क्षेत्र के कोर्ट खुले थे और सक्षम अधिकारी भी मौजूद थे। इस मामले के कोर्ट की ज्यूरिसडिक्शन पॉवर सुरक्षित थी। ऐसे में फरार आरोपियों को वहां सरेंडर करना था, लेकिन फरार आरोपियों ने गुना आकर JMFC कोर्ट में सरेंडर किया, जो सरेंडर करने की प्रक्रिया का विधिवत परिपालन नहीं था। 



गुना फायरिंग आरोपी Guna Firing आत्मसमर्पण मप्र मुख्यमंत्री हिरण-मोर accused शिकारी गुना पुलिस Deer-Peacock Surrender Hunters Guna Police MP CM शिवराज सिंह चौहान Aron aaron SHIVRAJ SINGH CHOUHAN