नवीन मोदी, Guna. इन दिनों जिले की मधुसूदनगढ़ पुलिस सुर्खियों में दिखाई दे रही है, जिसके चलते मधुसूदनगढ़ पुलिस के ऊपर कई सवाल खड़े होते दिखाई दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार मधुसूदनगढ़ पुलिस थाने में कई लोग बजाज कंपनी की मोटरसाइकिल लेकर पहुंच गए और मोटरसाइकिल के मालिकों ने लिखित में आवेदन देकर उनके साथ हुई धोखाधड़ी, 420 की शिकायत दर्ज कराते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।
यहां बता दें कि आवेदकों द्वारा 7 अप्रैल को पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर मधुसूदनगढ़ थाना प्रभारी ने HC राणा को जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे और फरियादियों के बयान भी पुलिस ने दर्ज कर लिए थे। फरियादियों ने अपने लिखित आवेदन में सगीर खान द्वारा बिना कागजों की बिना रजिस्ट्रेशन की मोटरसाइकिल बिक्री करने पर आवेदकों के साथ धोखाधड़ी करने को लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
आवेदन में कहा गया है कि मधुसूदनगढ़ में रहने वाले समीर खान पिता बशीर खान द्वारा बिना कागजों की करीब 55 मोटरसाइकिल मधुसूदनगढ़ सहित आसपास के रहने वाले क्षेत्र के अलग-अलग लोगों को धोखाधड़ी कर दी गई है और आज तक मोटरसाइकिलों के कागज समीर खान द्वारा लोगों को नहीं दिए गए हैं। उक्त बिना कागज की मोटरसाइकिल विक्रय करने पर आवेदकों को संदेह है कि कहीं मोटरसाइकिल चोरी की तो नहीं है। यही कारण रहा कि लोग अपनी अपनी मोटरसाइकिल लेकर पुलिस थाने में पहुंच गए।
यहां सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर इन चेसिस नंबर की मोटरसाइकिल आई कहां से हैं। आवेदकों से समस्त रजिस्ट्रेशन कागज कंप्लीट कराने के एवज में सगीर खान ने पूरी राशि भी पूर्व में ही वसूल कर ली है। शिकायत में यह कहा गया है पिछले कई सालों से सगीर खान द्वारा आश्वासन दिया जा रहा है पर आज दिनांक तक समस्त रजिस्ट्रेशन कागज कंप्लीट करके सगीर खान ने नहीं दिए हैं, जबकि आवेदकगणों को पिछले 5 वर्षों से सगीर खान बार-बार धोखा देकर 420 वीसी कर लगातार ठग रहा है। जानकारी में आया है कि सगीर खान को केके सेल गुना द्वारा डीलर नियुक्त किया गया था और सगीर खान को मोटरसाइकिल विक्रय एवं रजिस्ट्रेशन की समस्त राशि के सेल गुना में जमा करनी थी जो सगीर खान द्वारा नहीं की गई है।
आरोप है कि कुछ आवेदक गणों को सगीर खान ने मोटरसाइकिलों के बिल तक नहीं दिए गए हैं और पुलिस सगीर खान को बचाती दिखाई दे रही है तथा पुलिस कतई यह मानने को तैयार नहीं है कि यह मोटरसाइकिलें सगीर खान ने आवेदक गणों को दी हैं। अगर सगीर खान ने इन आवेदनों को मोटरसाइकिल नहीं बेची हैं तो फिर इनके पास इतनी मोटरसाइकिल आई कहां से है। शिकायत पर इसकी जांच पुलिस 1 महीने से नहीं कर पा रही है और न ही आवेदकों की शिकायत पर मधुसूदनगढ़ पुलिस एफ आई आर दर्ज कर रही है। जो बड़ा सवाल खड़ा करती है कि कही न कही दाल में काला है, जिसकी जांच वरिष्ठ अधिकारियों से कराना जरूरी है।
उक्त लापरवाही या गड़बड़ी को लेकर स्थानीय पुलिस कहीं ना कहीं दबाव में है या मूक सहमति भी इनके ऊपर भी कई सवालों निशान खड़े होते दिखाई दे रही हैं। आवेदक गणों ने शिकायत की आवेदन में बताया कि सगीर खान द्वारा कहा जा रहा है कि जाओ पुलिस में शिकायत कर दो, कोर्ट में चले जाओ, कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है, मैंने 50 से 55 मोटरसाइकिल वालों को मोटरसाइकिलो के कागज नहीं दिए हैं।
फरियादियों ने बताया कि कंप्यूटर पर हम आवेदकों के बयान ले लिए गए थे, और वह बयान थाने से ही गायब हो गए,वहीं अब दोबारा पुलिस ने आवेदकों के बयान लिए हैं जो पुलिस के ऊपर भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं कि थाने से आकर बयान गायब कैसे हो सकते हैं, इसको लेकर सीएम हेल्पलाइन भी शिकायत की गई है। वहीं अब देखना यह होगा कि क्या इस मामले में मधुसूदनगढ़ पुलिस FIR करती है, या कार्रवाई को लेकर मधुसूदनगढ़ पुलिस फिर एक ओर जन आंदोलन का सामना करती है।