भक्तों की सिर्फ संख्या में आई कमी भक्ति में नहीं, आसाराम बापू आश्रम में दीवाली की तरह मनेगी गुरूपूर्णिमा

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Vivek Sharma
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भक्तों की सिर्फ संख्या में आई कमी भक्ति में नहीं, आसाराम बापू आश्रम में दीवाली की तरह मनेगी गुरूपूर्णिमा

राहुल शर्मा, Bhopal. आज गुरू पूर्णिमा है, गुरू की भक्ति का पर्व। गुरू भक्ति को लेकर आपने द्रोणाचार्य-एकल्व्य वाला वृतांत कई बार सुना होगा। नैतिक-अनैतिक की सीमाओं से परे आज भी जब गुरू भक्ति की बात आती है तो एकलव्य और द्रोणाचार्य को याद किया जाता है। आज भी ऐसे भक्त हैं जो नैतिक-अनैतिक की सीमाओं से परे हैं। इनके लिए सही गलत मायने नहीं रखता। गुरू आज भी इनके लिए गुरू है। गुरू पूर्णिमा अवसर पर द सूत्र ऐसे ही भक्तों का पास पहुंचा। राजधानी भोपाल के गांधी नगर स्थित आसाराम बापू आश्रम। आसाराम बापू लंबे समय से रेप के आरोप में जेल में बंद हैं, ऐसे में उनके भक्तों की संख्या में तो कमी आई है, लेकिन भक्ति में नहीं। आज भी कई भक्त बापू के आश्रम में अपनी सेवाएं देकर सामाजिक गतिविधियों में लगे हुए हैं। बापू के आश्रम में गुरू पूर्णिमा हमेशा से शिष्यों के लिए किसी दिवाली से कम नहीं रही, आज भी आश्रम में गुरू पूर्णिमा दीवाली की तरह ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। हालांकि भक्तों संख्या में  कमी आई है, पर भक्तों का मानना है कि बापू हर जगह हर समय उनके साथ मौजूद हैं ऐसे में कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह आज भौतिक रूप में उनके साथ नहीं हैं। 



आश्रम में 15 सेवादार सेवा करते दिखे




गुरूपूर्णिमा से ठीक एक दिन पहले 12 जुलाई, मंगलवार को आश्रम में 15 सेवादार सेवा करते दिखाई दिए। कोई साफ-सफाई कर रहा था तो कोई ध्यान केंद्र या पंडाल के आसपास अन्य व्यवस्था करने में व्यस्त था। यहां के सेवादार अशोक मालवीय ने बताया कि वे लंबे समय से आश्रम से जुड़े हुए हैं। पहले काफी सेवादार थे, पर अब 15 सेवादार स्थायी रूप से आश्रम की व्यवस्था संभाल रहे हैं। इसके अलावा आसपास से लोग भी हर दिन सेवा देने के लिए आ जाते हैं। बापू से जुड़े दूसरे जिले या प्रदेश के लोग जब भोपाल आते हैं, तो वह भी आश्रम जरूर आते हैं। ऐसे में हर दिन कम से कम 100 से ज्यादा लोगों का भोजन यहां दोनों टाइम बनता है। 



बापू आज भी भक्तों के हरते हैं संकट



अशोक मालवीय बताते हैं कि बापू से भक्तों का आत्मा का रिश्ता है, इसीलिए वे आज भी अपने भक्तों की समस्याएं सुनते हैं, उसका निवारण करते हैं। बापू अंतर्यामी हैं। हर जगह हैं, हमारे बीच हैं। उनके भक्तों को कभी ऐसा नहीं लगा बापू उनसे कहीं दूर हैं। यही कारण है कि भक्तों की आज भी बापू में पूरी श्रृद्धा है। शुजालपुर से आए एक अन्य भक्त चंद्रभान मदलानी ने बताया कि बापू के चेहरे पर अलग सा नूर है कि जब उन्हें अंदर से गुरु के आदेश का अहसास होता है तो वे सेवा देने के लिए आश्रम आ जाते हैं। वे बीते 5 दिनों से सारे काम छोड़कर यहां आए हुए हैं, बापू की कृपा से उनके काम हो रहे हैं। चंद्रभान ने बताया कि जब उन्होंने 1996 में बापू से दीक्षा ली उसके बाद उनके अंदर की सारी बुराई खत्म हो गई। उन्होंने मांस मदिरा का आजीवन त्याग कर दिया। 

पहले आते थे लाखों, अब पहुंचेंगे सिर्फ 5 हजार भक्त

सेवादार अशोक मालवीय ने बताया कि जब बापू थे तब यहां गुरू पूर्णिमा पर पैर रखने तक की जगह नहीं होती थी। लाखों लाख भक्त यहां एक-दो दिन पहले से ही आना शुरू कर देते थे। पर अब यहां गुरू पूर्णिमा पर्व पर करीब 5 हजार भक्त ही आते हैं। हालांकि अशोक मालवीय यह भी कहते हैं कि जिन्होने दीक्षा ली थी वे सभी भक्त आज भी बापू के देश—विदेश में स्थित किसी न किसी आश्रम में पहुंचते ही हैं। 



गुरू पूर्णिमा पर यह होगा आयोजन



गुरू पूर्णिमा पर्व को लेकर आशाराम बापू आश्रम में मंगलवार तक करीब 60-70 लोग पहुंच चुके हैं। बुधवार को भोपाल के आसपास से यहां 5 हजार लोगों की आने की संभावना है। इसे लेकर तैयारी चल रही है। आश्रम में गुरू पूर्णिमा उत्सव की शुरूआत भजन कीर्तन से होगी। इसके बाद गौमूत्र से बना पंचामृत भक्तों को दिया जाएगा। खासकर जो किसी रोग से पीड़ित हैं, उन्हें वैद्य के बताए गए अनुसार इसका सेवन कराया जाएगा। इसके बाद माला शुद्धिकरण सहित अन्य आयोजन होंगे। दोपहर 1 बजे से भंडारे का आयोजन किया जाएगा। गौ माता की पूजा की जाएगी।



रेप के आरोप में उम्रकैद काट रहे हैं आसाराम बापू 



आसाराम बापू फिलहाल रेप के आरोप में जोधपुर में सजा काट रहे हैं। उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जोधपुर की विशेष अदालत ने बुधवार को एक रेप केस में उन्हें दोषी ठहराया। फर्श से अर्श तक तक पहुंचने वाले आसाराम पर उनके आश्रम में आने वाली लड़कियों ने ही रेप के आरोप लगाए थे। इस वजह से आसाराम के साथ-साथ उनके बेटे नारायण साईं भी जेल गए। आसाराम 2013 से जेल में हैं। साल 2013 में शाहजहांपुर की 16 साल की लड़की ने आसाराम पर उनके जोधपुर आश्रम में बलात्कार करने का आरोप लगाया था। दिल्ली के कमला मार्केट थाने में यह मामला दर्ज कराया गया था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया।



गुजरात डबल रेप मामला



आसाराम को जोधपुर केस में गिरफ्तार कर लिया गया था, उसके दो महीने बाद ही गुजरात के सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे पर बलात्कार का आरोप लगाया था। बड़ी बहन की शिकायत के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच कई बार उनका यौन शोषण किया था, छोटी बहन ने नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया था। इसके बाद दिसंबर 2013 में नारायण साईं को भी गिरफ्तार किया गया था।



आसाराम पर गवाहों की हत्या के भी आरोप 



आसाराम पर अपने खिलाफ गवाहों की हत्या के आरोप भी लगे हैं। सूरत की निवासी दो बहनें जिन्होंने आसाराम और उसके बेटे नारायण सांई पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है उनमें से एक के पति जो कि इस मामले का गवाह था उस पर 28 फरवरी 2014 की सुबह सूरत शहर में ही जानलेवा हमला हुआ।  इस हमले के अगले 15 दिनों तक ये मामला गर्म रहा जिसमें शक की सुईयां आसाराम और उसक बेटे पर ही जाती है। वहीं एक और मामला था जब आसाराम का कैमरामैन भी जिसका नाम राकेश पटेल है वो भी उसके खिलाफ गवाही के लिए तैयार था उसके ऊपर भी जानलेवा हमला हुआ। इसके कुछ ही दिनों के बाद एक और गवाह जिसका नाम दिनेश भगनानी था उसके ऊपर भी सूरत की एक मार्केट में तेजाब से हमला किया गया।


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