Gwalior. लगभग एक पखबाड़े की मशक्कत और भोपाल, दिल्ली से लेकर ग्वालियर तक चली लंबी कवायद के बाद बीजपी ने मेयर (Mayor) पद के लिए सुमन शर्मा (Suman Sharma) का नाम घोषित कर दिया। यह ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को बड़ा झटका है। बीजेपी ने खलिश अपने समर्थक को टिकट देने की रणनीति बनाई थी। इस बात का खुलासा "द सूत्र" ने दो दिन पहले ही किया था और यह भी दावा किया था कि टिकट अंतत: सुमन शर्मा को ही मिलेगा। वहीं, विधायक सतीश सिकरवार (Satish Sikarwar) की पत्नी शोभा सिकरवार (Shobha Sikarwar) को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। दोनों उम्मीदवारों की स्थिति को देखते हुए लग रहा है कि इस बार ग्वालियर मेयर का चुनाव काफी रोचक होगा।
ये रही अब तक की कवायद
भारतीय जनता पार्टी (BJP) को ग्वालियर में पहली बार अपने मेयर पद के उम्मीदवार का नाम घोषित करने में पसीना आया। नाम की घोषणा सांप-सीढ़ी के खेल जैसा हो गया। नरेंद्र तोमर (NARENDRA SINGH TOMAR) से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया (JYOTIRADITYA SCINDIA) ने खूब माथापच्ची की। आज भी बैठक हुई। इस बीच मेयर पद के ज्यादातर संभावित प्रत्याशियों ने तोमर के बंगले पर पहुंचकर परेड की। उनसे मिलकर दावा किया। पूछा तो तोमर खामोशी से मुस्कराते हुए आगे बढ़ गए और फिर बिना किसी नतीजे के दिल्ली लौट गए।
कल हुई थी कोर कमेटी की बैठक
बीजेपी की संभागीय कोर कमेटी की बैठक कल हुई। उसी में फैंसला होना था लेकिन टकराव के चलते देर रात तक कोई नतीजा नहीं निकल सका। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, अध्यक्षता कर रहे सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, ऊर्जा मंत्री प्रद्युनम सिंह तोमर, अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य, जयभान सिंह पवैया के अलावा विधायक, सांसद और पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे लोगों के अलावा सभी जिला अध्यक्ष मौजूद थे। बैठक में शुरू से नामों को लेकर मतभेद उभरने लगे। जब समीक्षा गुप्ता का नाम चला तो पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह तल्ख़ हो गए। समीक्षा गुप्ता ने पिछला चुनाव बागी होकर निर्दलीय लड़ा था। इसके चलते कुशवाह मात्र 121 वोट से हार गए थे। हालांकि लोकसभा चुनाव के समय समीक्षा की फिर पार्टी में वापसी हो गई और मेयर के लिए दावेदारी ठोक रहीं हैं। हालांकि एक बार वे पिछड़ी महिला के कोटे से मेयर रह चुकी हैं इसलिए बीजपी में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो इस बार सामान्य महिला की सीट पर किसी पिछड़े को टिकट देने के खिलाफ हैं। इनमें पूर्व मंत्री और दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा शामिल हैं। बैठक में समीक्षा का नाम चलते ही नारायण सिंह कुशवाह गुस्सा होकर बैठक से बाहर निकले और अपने घर चले गए।
देर रात तक बैठक, नतीजा ढांक के तीन-पात
तोमर और सिंधिया एक ही विमान से दिल्ली से ग्वालियर आए थे और दोनों ने कहा था- कोई विवाद नहीं है। फैसला हो गया है आज रात को घोषित हो जाएगा। सबको लगा था मामला सुलझ गया लेकिन बैठक में कुछ और ही हुआ और आखिरकार बगैर किसी निर्णय के ही सिंधिया देर रात ट्रैन से दिल्ली चले गए। बुधवार को फिर बैठेंगे इस निर्णय के साथ देर रात बैठक खत्म हुई। तोमर को भी दिल्ली लौटना था लेकिन वे यही रुक गए। सुबह अटकलें थी प्रदेश के शेष बचे तीनों मेयर के टिकट दोपहर में एक साथ घोषित हो जाएंगे। लेकिन ग्वालियर में संघर्ष चलता रहा तो भोपाल से बीजेपी ने रतलाम और इंदौर के नामों की सूची जारी कर दी थी।
प्रत्याशियों की परेड
जैसे ही लोगों को पता चला कि तोमर ग्वालियर में ही हैं, उनके रेसकोर्स रोड स्थित बंगले पर नेताओं और कार्यकर्ताओं के जमावड़ा हो गया। हालांकि तोमर मीटिंग के लिए सुबह ही निकल गए। इसके बाद मेयर पद की सशक्त दावेदार सुमन शर्मा पहुंची और साथ ही एक अन्य दावेदार खुशबू गुप्ता पहुंच गईं। इनके अलावा अंजलि रायजादा, पुष्पा तोमर और दो अन्य दावेदारों ने भी तोमर के सोफे पर डेरा जमा लिया। हालांकि मीडिया से सभी ने यही कहा- पार्टी जिसे भी चुनेगी हम सब तन, मन, धन से उसके लिए काम करेंगे और पार्टी को जिताएंगे। दोपहर में तोमर जब बंगले पहुंचे तो सभी से मिले। सभी ने अपना पक्ष रखा लेकिन जब दावेदारों ने पूछा कि हम क्या माने? तो तोमर चुप्पी साधी और मुस्कराते हुए गाड़ी में बैठकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
संघ ने लगाई मोहर
सूत्रों की माने तो सांसद शेजवलकर सुमन के इकलौते नाम पर अड़े थे। पवैया, अनूप मिश्रा भी उनके पक्ष में थे बावजूद मामला अटका हुआ था । आज दोपहर संघ ने अपनी वीटो लगाया और अपनी राय भी सुमन के पक्ष में दी तो इसके एक घंटे बाद ही उनके नाम का ऐलान हो गया।