देव श्रीमाली, Gwalior. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) 9 जून को ग्वालियर दौरे पर पहुंचे। सिंधिया स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा के बाद पहली बार ग्वालियर पहुंचे। सिंधिया ट्रेन से पहुंचे थे। यहां टिकट की चाहत में लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। हर कोई अपनी शक्ल उन्हें दिखाने को बेताब दिखा। सिंधिया ने जयविलास पैलेस पहुंचकर समर्थकों से मुलाकात की। इस दौरान भी कई लोग मेयर और पार्षद के लिए अपनी दावेदारी पेश करते दिखे।
परिवारवाद पर सिंधिया की दो टूक
इस सवाल पर कि क्या परिवार में एक व्यक्ति को ही टिकट मिलना चाहिए, सिंधिया ने कहा कि मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता कि नेता के परिवार में टिकट जाएगा या नहीं। मैं हमेशा यही देखा है कि सिंधिया परिवार का एक सदस्य ही राजनीति में रहता है। 30-40 साल से हम लोगों ने यही अपनाया है। परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि सभी को मौका मिलना चाहिए। राजनीति में परिवार का एक सदस्य काफी होना चाहिए।
टिकट के ऐलान पर कहा कि मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और मेरे समेत कई नेता मंथन कर रहे हैं, जल्द से जल्द नाम घोषित किए जाएंगे।
ट्रेन से पहुंचे थे सिंधिया
सिंधिया को तय कार्यक्रम के अनुसार दिल्ली से भोपाल जाना था और वहां बीजेपी की बैठक में शिरकत करने के बाद वहां से प्लेन से ग्वालियर आना था। भोपाल की बैठक स्थगित होने के बाद सिंधिया दोपहर में गतिमान एक्सप्रेस से ग्वालियर पहुंचे। इस बार आम दिनों की तुलना में काफी समर्थक स्टेशन पहुंचे। भारी भीड़ के कारण धक्का-मुक्की की स्थिति रही। यहां नेता और कार्यकर्ताओं में ग्वालियर के अलावा भिंड, मुरैना, शिवपुरी और श्योपुर के लोग बड़ी संख्या में थे। लोगों ने महल पहुंचकर भी अपनी दावेदारी की, लेकिन सिंधिया ने किसी को कोई आश्वासन नही दिया।
सिंधिया के सामने चुनौती
बीजेपी में आने के बाद सिंधिया परिवार का यह पहला चुनाव है। 1980 के बाद से ग्वालियर नगर निगम से लेकर संभागभर की ज्यादातर नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के टिकिट सिंधिया ही देते थे और सब कुछ "महल" से ही तय होता था। लेकिन बीजेपी में हर वार्ड में ताकतवर दावेदार हैं, क्योंकि पार्टी 55 साल से नगर निगम में काबिज है। अब सिंधिया के सामने बीजेपी में साथ आए समर्थकों को टिकिट दिलाने की चुनौती है। ग्वालियर नगर निगम में 66 पार्षद चुने जाने हैं। बीजेपी सूत्रों की मानें तो सिंधिया के करीब 12 से 15 समर्थक ही टिकट पा सकेंगे। कई वार्डो में बीजेपी के पुराने कद्दावर दावेदार हैं, जबकि उसी वार्ड में सिंधिया के भी खास की दावेदारी है। ऐसे वार्डो में प्रत्याशी चयन के मामले में टकराव के हालात बन सकते है।
कुलगुरु की दरगाह पर करेंगे जियारत
2 दिन में सिंधिया जयविलास पैलेस और बीजेपी के जिला कार्यालय पर कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और बैठक में भाग लेंगे । इसके अलावा 10 जून को वे अपने परिवार के कुलगुरु बाबा मंसूर शाह के गोरखी स्थित दरगाह और मंदिर जाएंगे। इसके बाद वे मुंबई रवाना होंगे, जहां पार्टी संगठन द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 8 साल पूरे होने पर आयोजित होने वाले समारोह में शिरकत करेंगे।