GWALIOR News. ग्वालियर नगर निगम के मेयर और पार्षदों के लिए नामांकन भरने की आखिरी तारीख पर आज कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा। कुछ महीनो पहले तक जिला महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं रूचि गुप्ता ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर आप के झाड़ू को हाथ में थाम लिया। आप ने उन्हें मेयर प्रत्याशी के रूप में उतार दिया। उन्होंने आज अपना नामंकन भरा और बोला कि उन्हें दिल्ली में आप की सरकार द्वारा किये गए जनहित के कार्यों ने प्रभावित किया इसलिए वे आप से जुड़ीं। आप ने प्रत्याशी बनाया इसके लिए शुक्रिया।
डाइटीशियन और फिजकल फिटनेस ट्रेनर हैं रूचि
रूचि गुप्ता महापौर पद के प्रत्याशियों में सबसे कम उम्र की है। वे मूलत फिटनेस की काउंसलिंग करती हैं और न्यूटीशियन है। देश के एक बड़े फिटनेस संस्थान की फ्रेंचाइजी लम्बे समय से उनके पास थी। दिल्ली में पढ़ीं रूचि खासे व्यवसाय के बावजूद कुछ एक दशक पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय हुईं। उन्होंने गुना संसदीय क्षेत्र में जाकर उनका प्रचार भी किया और कांग्रेस में सक्रिय हो गयीं। लेकिन जब सिंधिया ने पार्टी छोड़ी तो भी वे कांग्रेस के साथ ही रहीं और कांग्रेस ने भी उन्हें महिला कांग्रेस का जिला अध्यक्ष बना दिया।
गुटबाजी की हुईं शिकार
लेकिन कांग्रेस की पुरानी नेत्रियां उनकी सीधी नियुक्ति को पचा नहीं पाईं यहाँ तक कि नेताओं ने उन्हें जिला कांग्रेस दफ्तर में चेम्बर भी नहीं लेने दिया। कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री रश्मि पंवार के विरोध के चलते उन्हें जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया गया हालाँकि उन्हें प्रदेश महिला कांग्रेस में पदाधिकारी बना दिया गया। लेकिन रूचि को जल्द ही कांग्रेस की आरूणि राजनीति से घुटन होने लगी और उन्हें अपना इस्तीफा पीसीसी चीफ कमलनाथ को भेज दिया। हालाँकि इसे अभी मंजूर नहीं किया गया लेकिन अब रूचि ने आप का हाथ थाम लिया। उन्होंने कहा -"कांग्रेस तो मैं तीन महीने पहले ही छोड़ चुकीं हूँ। "
कितना असर दिखा पाएगी आप
हालाँकि रूचि की उम्मीदवारी यहाँ कोई बड़ा असर डाल पाएगी ऐसा लगता नहीं है इसकी बजह है कि अभी न तो आप का कोई व्यापक संगठन है और न रूचि के पास निजी कार्यकर्ताओं की फ़ौज इसलिए फिलवक्त तो यही लगता है कि यहाँ कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर होगी। आप का प्रयास मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का है।