भोपाल. मध्यप्रदेश में अचानक बदला मौसम किसानों के लिए आफत बनकर बरसा (MP Rain)। प्रदेश के 11 से ज्यादा जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि (hailstorm in mp 11 dist) हुई। इससे गेहूं, चना, अरहर, धनिया की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान (damage to crops) पहुंचा है। वहीं, 9 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj on compensation) ने ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के सर्वे के निर्देश दिए हैं।
मुआवजा और फसल बीमा के निर्देश: शिवराज ने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई है। बारिश के कारण फसलों को फायदा है, लेकिन ओलावृष्टि की वजह से कई इलाकों में नुकसान पहुंचा है। मैंने निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां ओलावृष्टि के कारण हमारे किसान भाई और बहनों की फसलें बर्बाद हुई है। वहां तत्काल सर्वे किया जाए। क्षति का आकलन किया जाएगा। सर्वे के बाद किसानों को राहत राशि दी जाएगी। साथ ही किसानों को फसल बीमा (Fasal Beema) दिए जाने के निर्देश दिए हैं। संकट की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी है।
इन जिलों में भारी नुकसान: पिछले तीन दिन से बारिश के साथ प्रदेश के अशोकनगर, गुना, ग्वालियर (Gwalior), विदिशा, सागर (Sagar), राजगढ़, छतरपुर, उज्जैन, सीहोर, दमोह समेत इंदौर (Indore) में ओलावृष्टि हुई। इससे कई जिलों में 70 फीसदी तक फसलों के बर्बाद होने का अनुमान हैं। खेतों में लगी टमाटर, लौकी, कद्दू, पालक, मैथी, धनिया, मिर्च की खेती को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि फसलें बर्बाद हो गई है, हमारी ये स्थिति हो गई है कि खाने को भी कुछ नहीं बचा है।
निवाड़ी में किसानों का रो-रोकर बुरा हाल: निवाड़ी (Niwari) में 9 जनवरी को मावठ की जोरदार बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को चौपट कर दिया, अपनी फसलों को बर्बाद देख किसानों का रो-रोकर बुरा हाल है। जिले के पृथ्वीपुर में मडिया व पठाराम गांव में आज सुबह हुई ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को चौपट कर दिया, सुबह जब किसान खेतों पर पहुंचे तो उनके हरे भरे खेत ओलों से पटे पडे थे, किसानों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर फसलें बोई थी जो पूरी तरह से नष्ट हो गई। अब कैसे चुकेगा साहूकारों का कर्जा, और कैसे होगा परिवार का भरण-पोषण।