हमीदिया में रार : MRI, CT स्कैन के बिलों पर डॉक्टर ने साइन करने से किया इनकार, एचओडी के खिलाफ खोला मोर्चा

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Pooja Kumari
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हमीदिया में रार : MRI,  CT स्कैन के बिलों पर डॉक्टर ने साइन करने से किया इनकार, एचओडी के खिलाफ खोला मोर्चा

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया (Hamidia Hospital) में एक डॉक्टर (Doctor) ने अपने एचओडी (HOD) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रेडियो डायग्नोसिस विभाग (Radio Diagnosis Department) के सह-प्राध्यापक डॉ. विजय कुमार वर्मा (Associate Professor Dr. Vijay Kumar Verma) ने पत्र लिखकर विभाग की एचओडी डॉ. लवली कौशल (HOD Dr. Lovely Kaushal) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। डॉ. वर्मा का कहना है कि एमआरआई (MRI) और सीटी स्कैन (CT Scan) के बिलों पर साइन कराने के लिए उन पर दवाब बनाया जा रहा है। एचओडी अपने पद का दुरुपयोग कर रहीं हैं। वहीं डॉ. लवली कौशल ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। 



ये है भुगतान कि प्रक्रिया : बता दें कि हमीदिया हॉस्पिटल में सीटी स्कैन और एमआरआई जांच (MRI Test) का काम फाल्गुनी निर्माण प्रायवेट लिमिटेड (Falguni Nirman Pvt Ltd) नामक कंपनी को ठेके पर दिया गया है। मरीजों से पैसे लेकर कंपनी जांच करती है। लेकिन आयुष्मान (Ayushman) और बीपीएल कार्डधारियों (BPL Cardholders) की जांचें फ्री में की जाती हैं। इन कार्डधारियों के बिलों का भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है। बिलों के भुगतान के लिए गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन ने एक समिति गठित की है। जिसकी अध्यक्ष डॉ. लवली कौशल हैं और डॉ. विजय कुमार वर्मा सदस्य हैं। सभी सदस्यों की सहमति और सत्यापन के बाद ही कंपनी को भुगतान होता है। 



बिल भुगतान के लिए बनाया जा रहा दबाव - डॉ. वर्मा : डॉ. विजय वर्मा का कहना है कि जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 2021 के बिलों के सत्यापन के लिए उन पर दवाब बनाया जा रहा है। सत्यापन की फाइलों पर साइन कराने के लिए एचओडी डॉ. लवली कौशल ने उन्हें 9 दिसंबर 2021 को पत्र भी लिखा था। डॉ. वर्मा का आरोप है कि डॉ. लवली कौशल  अपने पद का दुरुपयोग कर फाल्गुनी निर्माण कंपनी को फायदा पहुंचा रहीं है। इससे पहले भी दवाब बनाकर ही साइन कराए गए हैं। जबकि सत्यापन का कार्य उन डॉक्टरों से कराया जाना चाहिए जिन्होंने मरीज की जांच कराए जाने के लिए लिखा था। 



ऑडिट ने भी ली थी आपत्ति – डॉ. वर्मा : डॉ. वर्मा ने अपने पत्र में ऑडिट टीम की आपत्ति का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि फरवरी 2020 में ऑडिट टीम ने भी बिलों पर आपत्ति जताई थी। टीम का तर्क था कि बिल सेंट्रल गवर्मेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) रेट के अनुरूप नहीं हैं।



मनगढ़ंत आरोप लगा रहे डॉ. वर्मा – डॉ. लवली कौशल : इस मामले में द सूत्र ने रेडियो डायग्नोसिस विभाग की एचओडी डॉ. लवली कौशल से बात की। उन्होंने कहा कि डॉ. वर्मा मनगढ़ंत आरोप लगा रहे है। वें कह रहे हैं कि एचओडी ने उन्हें पत्र जारी किया, जबकि उन्हें डीन ऑफिस से पत्र जारी किया गया है। साइन करने के लिए उन पर कोई दवाब बनाने का सवाल ही नहीं उठता।









 


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