Bhopal. भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने में 1 करोड़ रूपए की गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है। यहां अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोगों ने फर्म को मनमाने तरीके से भुगतान किया। और शर्तों में बदलाव कर बार-बार पेमेंट की दरें अपने हिसाब से बदली। गौरतलब है कि हमीदिया में बायो मेडिकल वेस्ट उठाने का ठेका भोपाल इंसीनरेटर लि. (बीआईएल) के पास है। कंपनी ने तीन साल तक साढ़े 4 रुपए प्रति पलंग रोजाना की दर से मेडिकल वेस्ट उठाने का अनुबंध किया था।
दूसरी लहर में दरों में किया बदलाव
कोरोना की दूसरी लहर में हमीदिया अस्पताल में मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई और करीब हजार मरीज भर्ती हुए जिससे मेडिकल वेस्ट भी ज्यादा निकलने लगा। जिसके बाद कंपनी ने दर बढ़ाने का फैसला लिया और 2021 में मार्च, अप्रैल और मई का बिल प्रति पलंग की दर से देने के बजाय प्रतिकिलो की दर से दिया। ऐसे में 4 रुपए प्रति पलंग प्रतिदिन की दर से एक दिन का चार हजार और महीने का 1 लाख 20 हजार रुपए भुगतान होना था। यानी मार्च, अप्रैल और मई के लिए 3.60 लाख। लेकिन, 46 रुपए किलो की दर से 500 किलो से ज्यादा मेडिकल वेस्ट प्रतिदिन के हिसाब से इन 3 महीने में 23 लाख से भी ज्यादा का भुगतान किया गया। इससे तीन महीने के बिल भुगतान में हमीदिया अस्पताल 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ।
मेडिकल वेस्ट कम होने पर भी वसूला ज्यादा बिल
जून 2021 में जब कोरोना मरीज कम हुए तो कंपनी ने दोबारा 4 रुपए प्रति पलंग प्रतिदिन के हिसाब से बिल थमा दिए। जबकि, इस दौरान प्रतिदिन बमुश्किल 40-45 किलो मेडिकल वेस्ट निकल रहा था। अगर किलो के हिसाब से भुगतान होता तो बमुश्किल 2000 रुपए प्रतिदिन का बिल बनता, लेकिन जिम्मेदारों ने पलंग संख्या की दर से भुगतान किया। कोरोनाकाल से पहले तक कंपनी करीब साढ़े 4 रुपए प्रति पलंग प्रतिदिन की दर से मेडिकल वेस्ट उठा रही थी। इसके बाद दोबारा हुई टेंडर की प्रक्रिया में बीआईएल, बीएमडब्ल्यू सॉल्यूशन और एन्वायर्नमेंटल प्रोटेक्शन कॉर्पो. ने भाग लिया। लेकिन, बीआईएल को ही टेंडर मिला। इस बार टेंडर में दोगुनी दरें कोट की गईं थी, बावजूद इसके अधीक्षक ने एक बार भी डीन कार्यालय और संभागायुक्त कार्यालय से अनुमति नहीं ली। उन्होंने सीधे अनुबंध कर लिया।