भोपाल. कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल (Kamala Nehru Gas Relief Hospital) हमीदिया (Hamidia) भोपाल (Bhopal) में 8 नवंबर को आग (Fire) लग गई थी। इस घटना में 15 बच्चों की मौत हो गई थी। इसी मामले में हाईकोर्ट (High Court) ने नोटिस जारी (Notice issued) कर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। 29 नवंबर को चीफ जस्टिस रवि मलिमठ (Chief Justice Ravi Malimath) व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला (Justice Vijay Kumar Shukla) की डबल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे (Dr. PG Najpande) की ओर से बताया गया कि मामला संवेदनशील और सार्वजनिक हित का है। दोषियों पर हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। याचिका में हवाला दिया गया कि वर्ष 2014 में सतना के सरकारी अस्पताल के बच्चा वार्ड में आग लगी थी। आग से 10 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे और एक बच्चे की मौत हो गई थी।
अस्पतालों में अग्निकांड से निपटने का मुकम्मल प्लान नहीं
सतना के सरकारी अस्पताल में हुई घटना के संबंध में हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी हुआ था। पूर्व में दायर याचिका के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए जांच के निर्देश दिए थे। जांच में सामने आया था कि आग जैसी घटनाएं रोकने की व्यवस्थाएं अस्पताल नहीं थीं। हमीदिया अस्पताल में भी इसी तरह की लापरवाही सामने आ रही है। पूर्व का प्रकरण अब भी लंबित है। । इसी तरह जबलपुर में भी बच्चा वार्ड में आग लग गई थी।
सात सालों में अस्पतालों में सेफ्टी को लेकर कुछ नहीं बदला
अब भोपाल के हमीदिया अस्पताल में आग लगने से 15 बच्चों की मौत हो गई, जो दर्शाती है कि सात साल बाद भी अस्पतालों की हालत नहीं बदली है। हद दर्जे की लापरवाही बरती जा रही है। इस तरह की लापरवाही करने वाले सभी दोषियों पर हत्या का मामला दर्ज करना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रभात यादव, जयलक्ष्मी अय्यर और रत्नेश यादव ने तर्क रखा।
कमला नेहरू अस्पताल में लगी थी आग
आग हमीदिया अस्पताल परिसर के कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में लगी थी। जिस समय आग लगी, उस वक्त वार्ड में 50 के करीब बच्चे भर्ती थे। आग लगने पर बाकी बच्चों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया। वहीं आग लगने के चलते बच्चों के परिजनों में गुस्सा थे। और बड़ी संख्या में लोग अस्पताल के बाहर जमा हो गए थे। बाद में प्रशासन ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कर दिया था। हादसे में 15 बच्चों की मौत हो गई थी। उस दौरान आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा था। मामने में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। और जांच कमेटी का भी गंठन किया गया था।
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