नवीन मोदी, Guna. आजादी के 75 साल बाद आज भी शासकीय विभागों में जातिवाद इस कदर हावी है जिसका जीता जागता उदाहरण जिले के आरोन सिविल अस्पताल के व्हाट्सअप ग्रुप पर सामने आया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म के व्हाट्सअप ग्रुप पर जातिसूचक ऑडियो वायरल करने वाला कर्मचारी राधेश्याम भार्गव स्वास्थ्य विभाग के पनवाड़ीहाट में ड्रेसर के पद पर पदस्थ है। जातिवादी मानसिकता वाले उक्त कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु सिविल अस्पताल आरोन स्टाफ द्वारा सामूहिक रूप से थाना प्रभारी आरोन को ज्ञापन सौंपा है। दरअसल मामला ये है कि एससी-एसटी के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रमोशन मिलने पर जाति को मोहरा बनाकर ताने-बाने दिए जा रहे हैं। उनके साथ भेदभाव करने के साथ ही उनकी योग्यता को संदेह के घेरे में लेकर विभिन्न परीक्षाओं में क्वालीफाई अधिकारी-कर्मचारियों को मानसिक गुलाम बनाया जा रहा है। ऐसी ही एक ऑडियो आरोन स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत पनवाड़ी हाट में पदस्थ एक कर्मचारी ने अधिकारियों को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए वायरल किया है। जिसमें उसने अमर्यादित टिप्पणी की है।
एसीएसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग
इनके कलेक्टर इत्ते कई पढ़े-लिखे आते हैं फाटक बाहर कर देतें। सीएमओ को दो मिनट में फाटक बाहर कर दयो, सीएमओ पर बहुत जबावदारी रहते। इसके विरोध में आरोन सिविल अस्पताल स्टाफ द्वारा हस्ताक्षरयुक्त आरोन थाने में ज्ञापन दिया है। शिकायतकर्ता के अनुसार सिविल अस्पताल आरोन के व्हाट्सअप ग्रुप पर गत शाम लगभग 6.30 बजे राधेश्याम भार्गव जोकि ड्रेसर पोस्ट पर पनवाड़ी हाट में पदस्थ हैं, के मोबाइल नम्बर द्वारा ग्रुप पर ऑडियो वायरल किया गया। भार्गव द्वारा जारी ऑडियो से अनुसूचित जाति की भावनाओं को ठेस पहुंची हैं। वहीं अधिकारी-कर्मचारी भी काफी आहत हुए हैं। इसके विरोध में सिविल अस्पताल आरोन स्टाफ ने थाना प्रभारी आरोन को ज्ञापन सौंपकर ऐसे जातिवादी मानसिकता वाले और विभाग में पदस्थ ऐसी अशोभनीय हरकत करने वाले कर्मचारी के खिलाफ एसीएसटी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
इनका कहना है
मैं चेक कर लेता हूं मामला क्या है। उसका परीक्षण कर लेंगे जिसकी जांच कर दोषी कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फ्रेंक नोबेल ए, कलेक्टर गुना