Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नर्मदा नदी के 300 मीटर दायरे में हुए अवैध निर्माण संबंधी मामले में सुनवाई आगे बढ़ा दी है। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष शासन की ओर से जवाब पेश किया गया। जिसकी कॉपी पक्षकारों को प्रदान करने के निर्देश देते हुए न्यायालय ने मामले की सुनवाई को दो सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दी है।
दयोदय सेवा केंद्र द्वारा नर्मदा नदी के 300 मीटर दायरे में अवैध रूप से निर्माण कराए जाने के आरोप लगाते हुए नर्मदा मिशन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। वहीं पूर्व मंत्री व भाजपा नेता ओमप्रकाश धुर्वे द्वारा डिण्डौरी में बिना अनुमति नर्मदा नदी के लगभग 50 मीटर के दायरे में बहुमंजिला मकान बनाए जाने को भी चुनौती दी गई थी। इसके साथ ही एक अवमानना याचिका समेत 3 अन्य संबंधित मामलों को लेकर याचिकाएं दायर की गई थीं।
इससे पूर्व सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में साल 2008 के बाद नर्मदा नदी के 300 मीटर दायरे में तिलवारा, ग्वारीघाट, रमनगरा समेत कुल 75 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे। जिसमें से 41 निजी भूमि, 31 शासकीय भूमि और 3 आबादी भूमि में पाए गए। हाईकोर्ट ने 1 अक्टूबर 2008 के बाद नर्मदा नदी के 300 मीटर दायरे में हुए निर्माण को हटाने के आदेश दिए थे।