Bhopal. मध्यप्रदेश में दो दिन से भारी बारिश हो रही है। इसके कारण नदी-नाले उफना गए हैं। कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया और वे खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए कई बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। गुरुवार को भी प्रदेश के कई शहरों में सुबह से लेकर रात तक बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल-इंदौर में भी दिनभर में एक इंच बारिश हुई। राजधानी के अनेक इलाकों में भारी बारिश से लोगों को काफी परेशानी हुई। मंदसौर के नाहरगढ़ में तेज बारिश के बाद नदी में ऊफान आ गया। मध्यप्रदेश में अब तक 24 इंच बारिश हो चुकी है। सामान्य बारिश का कोटा 23 इंच का है। यानी 1 इंच ज्यादा पानी गिर गया है। गुरुवार सुबह से शाम तक प्रदेश के कई शहरों में बारिश हुई। गुना में एक इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। वहीं, भोपाल, जबलपुर में एक इंच के करीब, नर्मदापुरम, उमरिया, छिंदवाड़ा में आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई। सिवनी, उज्जैन, रायसेन, नरसिंहपुर, मंडला, दमोह, रतलाम, इंदौर, धार, छतरपुर, सागर, ग्वालियर में भी बारिश हुई।
भोपाल में ढाई इंच बारिश
भोपाल में बुधवार को 6 घंटे में ढाई इंच बारिश हुई थी। भोपाल शहर के लगभग सभी प्रमुख बाजारों और सड़कों पर पानी भर गया। कोलार डैम के 8 में से 2 गेट खोलना पड़े। इंदौर शहर में बारिश की वजह से 7 में से 3 तालाब ओवरफ्लो हो गए। एक तालाब लबालब है। 3 तालाब भी लगभग भर चुके हैं। यशवंत सागर के दो गेट खोलना पड़े। कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया। सड़कों पर कारें बहती नजर आईं।
पुल का एप्रोच स्लैब धंसा
इसी तरह भारी बारिश के चलते ग्वालियर-शिवपुरी फोरलेन हाईवे (एनएच-46) पर मुड़खेड़ा टोल प्लाजा से पहले अमर नदी पर बने पुल का एप्रोच स्लैब धंस गया। ऐसा बारिश के कारण एप्रोच वाले हिस्से के नीचे की मिट्टी बह जाने से हुआ। 2015 में तैयार हुए इस पुल पर NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने हादसे की आशंका को देखते हुए फोरलेन हाईवे को 3 किलोमीटर तक सिंगल-वे कर दिया है। उज्जैन और आसपास के इलाकों में हो रही भारी बारिश से शिप्रा नदी भी उफान पर आ गई। बुधवार सुबह ही नदी के किनारे जलमग्न हो गए थे। इसके बाद दिन में तेजी से नदी का पानी बढ़ना शुरू हुआ और रात होते-होते नदी का पानी बड़े पुल को पार कर गया। बाढ़ की वजह से नदी किनारे रहने वाले लोगों को बाहर निकाला गया। कई लोग अपने घरों की ऊपरी मंजिल पर पहुंच गए। नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से नदी किनारे खड़ी कारें बहने लगीं, जिन्हें खींचकर बाहर निकालना पड़ा। रतलाम में कुरेल नदी के पुल पर पानी आ जाने से रतलाम-खाचरौद मार्ग बंद रहा।
इंदिरा सागर बांध का जलस्तर बढ़ा
तवा बांध से छोड़े जा रहे पानी से खंडवा में इंदिरा सागर बांध का जलस्तर 260 मीटर तक पहुंच गया। बुधवार रात 10 बजे इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोले गए। 2154 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पावर हाउस में बिजली उत्पादन की 8 टरबाइन के जरिए भी 1840 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। यानी बांध से कुल 3994 पानी छोड़ा जा रहा है। आज ओंकारेश्वर डैम के 12 गेट भी खोले जा सकते हैं।
4 संभाग में अति भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। चारों संभागों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। भोपाल, शहडोल, सागर, श्योपुरकलां और छतरपुर में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
नर्मदा खतरे के निशान के करीब
नर्मदापुरम, बैतूल, रायसेन, हरदा में भी दो दिन से झमाझम पानी गिर रहा है। तवा और बारना डैम के गेट से 36 घंटे से लगातार पानी छोड़ने की वजह से नर्मदा में उफान आ गया है। नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर नर्मदा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 12 फीट नीचे है। रात में खंडवा जिले में इंदिरा सागर डैम के 12 गेट खुलने और तवाडैम के गेट 6 गेट बंद करने से नर्मदा का जलस्तर घटना शुरू हो गया है। सुबह 9 बजे नर्मदा का जलस्तर 954.90 फीट पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेशभर में काफी ज्यादा नमी है। ऐसे में अगले 24 घंटे इसी तरह बारिश होती रहेगी। 13 अगस्त से फिर से लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इसके कारण 15 अगस्त को भोपाल, इंदौर, उज्जैन और आसपास के इलाकों में अच्छी बारिश की संभावना है। वैसे तो धूप निकलने की उम्मीद कम है। अगर कहीं धूप निकलती भी हैं, तो बादल बनने लगेंगे। ऐसे में तेज गरज-चमक के साथ बारिश की स्थिति बन जाएगी।