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भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मंत्रियों (Minister) को हिदायत दी है कि सार्वजनिक कार्यक्रम या बैठकों में बोलते समय यह ध्यान में रखें कि उसका असर क्या होगा। कई बार हम सहज भाव से ऐसी बात कह जाते हैं, जिसका भाव भले पवित्र हो पर असर कुछ हो जाता है। ऐसी स्थिति से बचना चाहिए। फिर सोशल मीडिया पर इसको अलग तरह से परोस दिया जाता है। साथ ही वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में टाइम पर पहुंचे। यह हिदायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद मंत्रियों को अनौपचारिक चर्चा में दी।
शिवराज की मंत्रियों से अनौपचारिक चर्चा
बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि किसी को कुछ कहने या गलत अर्थ निकालने का मौका ही नहीं मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रियों के साथ अनौपचारिक चर्चा के दौरान यह बात कही। मालूम हो कि पिछले दिनों खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह (Bisahulal Singh) ने सामान्य वर्ग की महिलाओं को लेकर अनूपपुर के फुनगा गांव में आयोजित सम्मान समारोह में विवादास्पद बयान दिया था। इस पर करणी सेना सहित अन्य संगठन ने आपत्ति जताते हुए माफी मांगने और बिसाहूलाल सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की थी।
बीएल संतोष की नाराजगी
खाद्य मंत्री के इस बयान को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने भी नाराजगी व्यक्त की थी। लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने पार्टी की ओर से इस पर माफी मांगी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उन्हें चेतावनी दी थी। साथ ही सभी मंत्रियों और कार्यकर्ताओं से कहा था कि ऐसे घटना की पुनरावृत्ति पर माफी नहीं दी जाएगी। सबको मर्यादा में रहना होगा। बैठक में मंत्रियों को विशेष बैठकों में समय पर आने की नसीहत भी दी गई। इस बयान ने इतना तूल पकड़ लिया था कि प्रदेश भर में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी बैठकों का अपना महत्व होता है। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की बैठक (meeting) में कई मंत्री लेट पहुंचे थे। जिस पर बीएल संतोष (BL Santosh) गुस्सा हो गए थे। इसी के चलते मुख्यमंत्री ने अपने मंत्री को यह समझाइश दी है।