Jabalpur. हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सुजय पाल ने 1255 भर्तियों में अनियमितता के आरोप संबंधी याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुरूप इस मामले की अंतिम सुनवाई न्यायमूर्ति सुजय पाल व न्यायमूर्ति पीसी गुप्ता की युगलपीठ के समक्ष निर्धारित थी। दोपहर सवा दो बजे जैसे ही उक्त प्रकरणों की सुनवाई के लिए केस काल हुए तभी जस्टिस सुजबलपुर जय पाल ने आदेश दिया की उक्त प्रकरण किसी अन्य युगलपीठ के समक्ष अंतिम सुनवाई के लिए निर्धारित किए जाएं, जिसमें वे सदस्य न हों। लिहाजा, अब मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए नई युगलपीठ गठित करेंगे।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह उपस्थित हुए।उन्होंने अवगत कराया कि हाई कोर्ट द्वारा प्रदेश की जिला अदालतों में स्टेनो तथा सहायक ग्रेड तीन के 1255 पदों पर की जा रही भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाली समस्त 20 याचिकाओं की सुनवाई पर अंतिम सुनवाई होनी है। इन याचिकाओं में शत-प्रतिशत कम्युनिल आरक्षण को कठघरे में रखा गया है। साथ ही अन्य त्रुटियों को भी रेखांकित करते हुए विरोध दर्ज कराया गया है।