JABALPUR:हाईकोर्ट ने जीएसटी विभाग द्वारा लगाई गई पेनाल्टी को किया खारिज, ई वे बिल की मियाद को लेकर दिया अहम फैसला

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Rajeev Upadhyay
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JABALPUR:हाईकोर्ट ने जीएसटी विभाग द्वारा लगाई गई पेनाल्टी को किया खारिज, ई वे बिल की मियाद को लेकर दिया अहम फैसला

Jabalpur. ई वे बिल की मियाद खत्म होने के महज साढ़े 4 घंटे देरी से ट्रक के अपनी मंजिल पर पहुंच जाने के बाद भी स्टेट जीएसटी विभाग द्वारा करदाता पर लगाई गई 6.82 लाख की पेनाल्टी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे के मुताबिक ई-वे बिल की मियाद से देरी कर माल पहुंचाने के मामले में विभाग की पेनाल्टी खारिज करने का प्रदेश में यह संभवतः पहला मामला है। वहीं जीएसटी ट्रिब्यूनल नहीं होने के चलते करदाता ने सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, यहां हाईकोर्ट ने करदाता के पक्ष को सही मानते हुए पेनाल्टी को खारिज कर विभाग को राशि लौटाने के आदेश दिए हैं। 



चैंबर के सदस्य याचिकाकर्ता अधिवक्ता अभिषेक ध्यानी ने बताया कि हाईकोर्ट में पेनाल्टी के पीछे विभाग का तर्क था कि यह देरी टैक्स चोरी की नियत से की गई है, लेकिन करदाता की ओर से बताया गया कि ट्रक की क्लच प्लेट खराब होने के कारण ट्रक को रायपुर से डिंडोरी माल लेकर पहुंचने में केवल साढ़े 4 घंटे का ही विलंब हुआ, ट्रक की रिपेयरिंग की जानकारी, बिल आदि विभाग के अधिकारी सहायक आयुक्त को दी गई थी लेकिन ई-वे बिल की मियाद केवल साढ़े चार घंटे अधिक लगने को विभाग द्वारा इसे टैक्स चोरी मान कर पेनाल्टी लगाई गई। दुर्भाग्यजनक यह था कि यदि करदाता रुपए 6.82 लाख के जुर्माने की राशि नहीं भरता तो उसे ट्रक राजसात कर 24 लाख की पेनाल्टी वसूलने का नोटिस भी दे दिया गया। 



विभाग की प्रमुख सचिव, जीएसटी स्टेट कमिश्नर और सहायक आयुक्त को इस मामले में पक्षकार बनाया गया। इस पर माननीय हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सभी तर्कों को सुनने के बाद पाया कि इस देरी की वजह सही है और करदाता द्वारा यह टैक्स चोरी की मंशा से नहीं किया गया है, इसलिए 30 दिन के भीतर विभाग करदाता से जमा कराई गई रकम वापस दे, अन्यथा 6 फीसद ब्याज भी विभाग को देय होगा। 



यह था मामला



दयाशंकर सिंह को डिंडोरी में एक कॉलेज में प्रयोगशाला, क्लासरूम बनाने का सरकारी ठेका मिला था, अतिरिक्त काम का आदेश मिलने पर उसने रायपुर से लोहा बुलाने का ऑर्डर दिया और इसका ई-वे बिल 17 मई 2022 को तैयार हुआ। ट्रक माल लेकर 18 मई को निकला, उसे 19 मई की रात 12 बजे माल पहुंचाने का ई-वे बिल था। रास्ते में वाहन खराब हो गया, इसे ठीक कर वह वापस रवाना हुआ तो वह 20 मई की सुबह साढ़े 4 बजे गंतव्य पर पहुंचा, यह जांच के दौरान ई-वे बिल देखने पर विभागीय अधिकारियों ने वाहन को रोक लिया और पेनाल्टी लगा दी। 


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