Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नियम विरूद्ध ऑटो रिक्शा संचालन के मामले में सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने की अंतिम मोहलत दी है। सरकार को अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने 4 हफ्ते की मोहलत दी गई है। शासन की ओर से जो कार्रवाई रिपोर्ट पेश की गई उसे याचिकाकर्ता एडवोकेट सतीश वर्मा ने अदालत में गुमराह करने वाली कागजी रिपोर्ट करार दिया गया। उन्होंने दलील दी कि सड़क पर वास्तविक स्थित कुछ और है ऑटो चालक ओवर लोडिंग के सारे नियम तोड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के मोटर व्हीकल संशोधन नियम 2019 मध्यप्रदेश में लागू नहीं किए जा रहे हैं। जिससे पूरे प्रदेश में ट्रेफिक और यातायात में सुधार लाया जा सकता है।
मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को पुनः 4 सप्ताह की मोहलत दी है। साल 2013 में जबलपुर समेत प्रदेश में ऑटो की धमाचौकड़ी को लेकर जनहित याचिका लगाई गई थी। विगत 8 दिसंबर को अवैध ऑटो संचालन के मामले में सरकार ने वादा किया था कि अब यदि बिना परमिट या अवैध रूप से चलने वाले ऑटो को पकड़ा जाएगा तो उसे किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। यह भी कहा गया था कि सरकार सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू करने पर अंतिम निर्णय लेगी।