हाईकोर्ट:ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई में एचसी के क्षेत्राधिकार पर उठे सवाल, 29 अगस्त को फिर होगी सुनवाई

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
हाईकोर्ट:ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई में एचसी के क्षेत्राधिकार पर उठे सवाल, 29 अगस्त को फिर होगी सुनवाई

Jabalpur. ओबीसी आरक्षण को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चल रही अंतिम सुनवाई लगातार जारी है। शुक्रवार को हुई सुनवाई में उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार पर ही सवाल उठा दिया गया। अधिवक्ता उदय कुमार ने कोर्ट के सामने 6 बिंदु रखे और यह प्रार्थना की कि अदालत अंतिम फैसले से पहले इन पर विचार करे। उन्होंने दलील दी कि क्या हाईकोर्ट को 50 फीसद आरक्षण की सीमा निर्धारण करने का अधिकार है? अदालत को बताया गया कि हाईकोर्ट के 8 अगस्त के अंतरिम आदेश और ईडब्ल्यूएस से जुड़े प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। इंद्रा साहनी प्रकरण में उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि विशेष परिस्थितियों में आरक्षण बढ़ाया जा सकता है, लेकिन वे परिस्थितियां क्या होंगी इसका निर्धारण सुप्रीम कोर्ट करेगा। ऐसे में सुको के फैसले से असंगत हाईकोर्ट को क्या क्षेत्राधिकार है? बता दें कि संविधान में संशोधन कर ईडब्ल्यूएस को 10 फीसद आरक्षण देने के प्रावधान से ही 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा प्रभावित हो रही है। 



वहीं सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ब्रम्हेंद्र पाठक ने दलील दी कि शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 और एडीपीओ परीक्षा के विज्ञापन 2018 में जारी किए गए जिसके चलते इन परीक्षाओं में नए नियम लागू नहीं किये जा सकते। जस्टिस शील नागू और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की डिवीजन बेंच ने मामले की अंतिम सुनवाई 29 अगस्त को भी जारी रखने के निर्देश दिए हैं। 



सुनवाई के दौरान अदालत में दलील दी गई कि 30 जुलाई 2018 को शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए नियम बनाए गए थे। उसमें ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हायर सेकेंडरी के करीब 17 हजार शिक्षकों के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई। सरकार ने 24 दिसंबर 2019 को अधिसूचना जारी कर ओबीसी का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया। साथ ही ईडब्ल्यूएस को भी 10 फीसद आरक्षण दिया गया। इसके बाद 20 जनवरी 2022 को निर्देशिका जारी कर शिक्षक भर्ती के उक्त पदों का ओबीसी आरक्षण 27 फीसद कर वर्गवार विभाजन कर दिया गया। परीक्षा का विज्ञापन 2018 में जारी हुआ था, इसलिए भूतलक्षी प्रभाव से नियम लागू नहीं किया जा सकता। ब्रम्हेंद्र पाठक ने यह भी कहा कि अभी तक ईडब्ल्यूएस आरक्षण के संबंध में नियम ही नहीं बनाए गए हैं। इसलिए हाईकोर्ट के 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के बावजूद सरकार ने एडीपीओ, सांख्यिकी अधिकारी समेत अन्य परीक्षाओं में ओबीसी को 27 फीसद आरक्षण दिया जो पूरी तरह अवैधानिक है। 


मध्यप्रदेश हाईकोर्ट Jabalpur News Jabalpur जबलपुर High Court जबलपुर न्यूज़ OBC RESERVATION FINAL HEARING 50 फीसद आरक्षण की सीमा शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 ईडब्ल्यूएस