सिंधिया पर बढ़ रहा आलाकमान का भरोसा, कैलाश कब तक रहेंगे दूर

author-image
Shivasheesh Tiwari
एडिट
New Update
सिंधिया पर बढ़ रहा आलाकमान का भरोसा, कैलाश कब तक रहेंगे दूर

हरीश दिवेकर। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एशिया कप अपने नाम किया। टी-20 का महाकुंभ आज से शुरू। छोटी दिवाली को होगा भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच। भारत जीता तो छोटी दिवाली को ही मचेगी पटाखों की धूम। अब विदेश की तर्ज पर मध्य प्रदेश में होगी मातृभाषा यानी हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई, आज अमित शाह मेडीकल शिक्षा की तीन किताबों का करेंगे लोकार्पण, इसके बाद ग्वालियर में एयरपोर्ट विस्तार के कार्यक्रम में होंगे शामिल। खबरें और भी हैं, आप तो बस सीधे नीचे उतर आईए। तभी आप मंत्रालय और राजनीतिक गलियारों की खटटी-मीठी चर्चाओं में गोते लगा पाएंगे। आपको ताजा और अंदर की रोचक जानकारी मिलेंगी सिर्फ 'बोल हरि बोल में'....



मोदी-शाह का सिंधिया प्रेम, ​कैलाश से दूरी



सियासत में मैसेजिंग की बड़ी अहमियत होती है। राजनीति​ के चाणक्य अच्छे से जानते हैं कि उनके बोलने-चालने, उठने-बैठने के हाव-भाव से कार्यकर्ता और मीडिया मिजाज भांप लेती है। इसलिए नेता भी आजकल संदेशों में ही अपनी कहानी गढ़ रहे हैं। ताजा मामला महाकाल लोक के कार्यक्रम का है। यहां एक नहीं दो तरह के संदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिए, जो बीजेपी में आज तक चर्चा का विषय बने हुए हैं। 



पहला संदेशा... कार्यक्रम के बाद अचानक अपने साथ सिंधिया को दिल्ली ले जाकर दिया। अब ग्वालियर महल में नंबर दो यानी अमित शाह 'शाही भोज' करेंगे। मैसेज साफ है, एमपी बीजेपी का फ्यूचर महाराज है।



दूसरा संदेशा... पीएमओ से हुआ ट्वीट ये बता रहा है कि कैलाश से नाराजगी बरकरार है। एयरपोर्ट पर सुमित्रा महाजन, कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा और तुलसी सिलावट ने मोदी की आगवानी की। पीएमओ से इसका ट्वीट भी हुआ, लेकिन इसमें कैलाश का नाम नहीं था और फोटो भी आधा कटा हुआ लगा। ये दोनों मैसेज प्रदेश की राजनीति में क्या गुल खिलाएंगे, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।



पीठ पीछे गरियाया, सामने चुप रहे



मामा कितने भी बदल जाएं पर क्रूर नहीं हो सकते। ये बात एक बार फिर उन्होंने साबित कर दी। नशे के अवैध कारोबारियों पर प्रहार करने के लिए मामा ने अलसुबह बैठक तलब की, बैठक में प्रदेश भर के कलेक्टर-एसपी से लेकर मंत्रालय के सीनियर अफसर वीडियो-कान्फ्रेंस के जरिए जुड़े, लेकिन सीएस इकबाल सिंह नहीं दिखे। इस पर मामा ने तल्ख लहजे से पूछ ही लिया, सब आ गए सीएस कहां हैं, फोन लगाईए। इसके बाद सीएम पीएस से लेकर ओएसडी तक सब फोन घुमाने लग गए, मामा का सब्र का बांध टूटने लगा तो पूछा क्या फोन नहीं लग रहा है। उन्हें बैठक का टाइम पता है ना? मामा की ये तल्खी वीसी में जुड़े सभी अफसर देख रहे थे। उन्हें लगा कि आज बड़े साहब पर गाज गिर सकती है। थोड़ी देर में बड़े साहब प्रगट हो गए, उनके आते ही मामा का गुस्सा फुर्र हो गया। बैठक के बाद अब अफसर एक-दूसरे से इसका मतलब पूछने लगे कि मामा ने पीठ पीछे इतना गरियाया, सामने आते ही चुप हो गए। क्या सीएस के बहाने हमें संदेश देना चाहते थे। तो कुछ अफसरों ने कहा, मामा कितने भी बदल जाएं, लेकिन क्रूर नहीं हो सकते। 



बीजेपी जिलाध्यक्ष का भौकाल



बीजेपी के युवा तुर्क जिलाध्यक्ष का भौकाल देखते ही बनता है। अब तो साहब को बाकायदा सिक्योरिटी गार्ड भी मिल गए हैं। युवा नेता प्रदेश के कद्दावर नेता के करीबी माने जाते हैं, लेकिन इन दिनों उनकी गलबहियां एक मंत्री से कुछ ज्यादा ही हो रही हैं। हालांकि इस युवा नेता के आका की और मंत्री की पटरी कम ही बैठती है, लेकिन युवा नेता को अपना काम निकालना बहुत अच्छे तरीके से आता है। दिलजलों की मानें तो मंत्री ने ही युवा नेता को भौकाल काटने के लिए खाकी वर्दी वाले दे दिए, जो नेताजी के आगे-पीछे चल रहे हैं। युवा नेता की तेज रफ्तार से कईयों के सीने पर सांप लौट रहे हैं, लेकिन युवा तुर्क नेता अपने ही अंदाज में आगे बढ़ते जा रहे हैं। 



युवा अफसरों को नए सेवेरे का इंतजार



बड़े साहब से प्रताड़ित युवा आईएएस अफसरों ने अपना एक अघोषित प्रताड़ित संघ बना लिया है। इसमें वो अफसर शामिल हैं, जिनकी सीआर बड़े साहब ने खराब की है और उन्हें लूप लाइन में पदस्थ किया है। अब ये सभी अफसर आए दिन एक कवि हृदय वाले साहब के कक्ष में बैठकर टी टॉक करते हैं। प्रताड़ित संघ के अफसर बड़ी बैचेनी से नवंबर में साहब का रिटायर्ड होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं पूरी शिद्दत के साथ ये भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगला बड़ा साहब कौन होगा। इन्हें उम्मीद है कि बड़े साहब के जाते ही परेशानी के काले बादल छट जाएंगे और एक नया सवेरा होगा।



डी कंपनी की दुकान बंद, खान साहब की चालू



प्रदेश में एक समय ऐसा भी था, जब ब्यूरोक्रेट्स और बड़ी कंपनी के लोगों की कतार डी कंपनी के बाहर लगती थी। जब से बड़े लोगों की नजर में डी कंपनी ब्लैक लिस्टेड हुई है, तब से यहां सब कुछ उजड़ा-सा हो गया है। इन दिनों खान साहब की दुकान जोरों पर चल रही है। वैसे देखा जाए तो खान साहब एक बड़ी कंपनी के लाइजनर हैं, लेकिन इन दिनों कोई भी ऐसा काम नहीं है, जो खान साहब नहीं करवा सकें। बताते हैं कि बड़े साहब लोगों के साथ खान साहब का पैसा भी लगा हुआ है। बड़े साहब किसी से मिले या न मिले, लेकिन खान साहब के लिए 24 घंटे दरवाजे खुले रहते हैं।  ​



अंधा बांटे रेबड़ी, चीन चीन कर दे



सीएम ने हाल ही में नल-जल योजना में अच्छा काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को मोटिवेट करने के लिए पुरस्कृत किया। इंजीनियरिंग सेक्शन के अधिकारियों ने यहां पर भी खेला कर दिया। सीएम से अपने-अपने लोगों को पुरस्कृत करवा दिया। राज्यमंत्री के क्षेत्र में काम करने वाले किसी भी अधिकारी-कर्मचारियों को पुरस्कार नहीं मिला। इसका सीधा मतलब वहां अच्छा काम नहीं हो रहा है। राज्यमंत्री को जब तक ये कहानी समझ आती तब तक इंजीनियरों ने खेला कर दिया। ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड के अधिकारी-कर्मचारी कहते फिर रहे हैं कि सीएम के ईनाम से हुआ हमारा डिमोटिवेशन। मामला अब विभाग के अपर मुख्य सचिव तक भेजने की तैयारी है, भला जानें कि क्या उन्हें भी भरोसे में लिया था कि नहीं।

 


News of Madhya Pradesh bureaucracy MP News हरीश दिवेकर का कॉलम बोल हरि बोल कैलाश विजयवर्गीय से बीजेपी हाईकमान की दूरी मोदी शाह का ज्योतिरादित्य सिंधिया से प्रेम एमपी न्यूज मध्यप्रदेश ब्यूरोक्रेसी की खबर Harish Diwekar's column Bol Hari Bol distance of BJP high command from Kailash Vijayvargiya Modi Shah's love for Jyotiraditya Scindia