GWALIOR News. मध्यप्रदेश का मुरैना जिला मिलावट के लिए बदनाम हो चुका है । यहां तैयार किया जाने वाला दूध,मावा और घी पूरे देश मे सप्लाई होता है जो लोगों की जान के लिए खतरा बनता है। कार्यवाहियों के तमाम दावों के बावजूद यह गंदा धंधा लगातार फलता -फूलता ही जा रहा है। अब तो इसको लेकर एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ भी चिंतित हो उठी
दूध व उससे बने उत्पादों में हो रही मिलावट पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने गहरी चिंता व्यक्त की है। अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस रोहित आर्य और जस्टिस एमआर फड़के की डिवीजन बेंच ने कहा- मिलावट के मामले में मुरैना का नाम काफी बदनाम है। यहां से मिलावटी खाद्य सामग्री देशभर में भेजी जाती है। इस छवि को बदलना होगा। लोगों के पास ऐसे उत्पादों को खरीदने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। वे उत्पाद का साइड इफेक्ट जाने बिना उसका उपयोग कर रहे हैं, जो कि बहुत चौकाने वाला है। डिवीजन बेंच ने कहा कि मुरैना जिला प्रशासन जहां से दूध की सप्लाई हो रही है, वहां जाकर निरीक्षण व सैंपलिंग करे। ताकि लोगों का भरोसा प्रशासन पर बना रहे। कोर्ट ने तीन बिंदुओं पर कलेक्टर को कार्रवाई करने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।
ये था मामला
दरअसल, दूध व दूध से बने उत्पादों में हो रही मिलावट को रोकने के संबंध में हाई कोर्ट ने आदेश दिया है। आदेश का पालन नहीं होने पर एडवोकेट उमेश बौहरे ने अवमानना याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान कलेक्टर मुरैना केबी कार्तिकेयन ने कहा... साल 2014 से 2020 तक लगभग 200 सैंपल लिए जाते थे, जबकि बीते ढाई वर्षों में सैंपल की संख्या बढ़कर 900 पहुंच गई है। आपको बता दें कि मुरैना जिले में 1 फरवरी से लेकर 8 मई तक जांच के लिए भेजे गए खाद्य पदार्थों के 41 सैंपल की रिपोर्ट भोपाल की राज्य स्तरीय लेबोरेटरी से फेल आई है। पनीर व मावा अवमानक पाया गया है। पनीर की जांच में स्किम्ड मिल्क पाउडर, रिफाइंड ऑइल, आरएम केमिकल और लिक्विड डिटरजेंट पाया गया है। मावा के सैंपल में केमिकल की मिलावट प्रमाणित हुई है। बानमोर से लिए गए पिसी धनियां, पिसी लाल मिर्च, पिसी गरम मसाला व पिसी हल्दी के सैंपल अनसेफ बताया गया।